IQNA की रिपोर्ट रॉयटर्स के अनुसार, मोहम्मद फ़ौजज़ी हारून, मलेशियाई पुलिस महानिरीक्षक ने एक बयान में कहा कि इनमें से पांच मिस्र के लोग हैं जिन्हों ने मुस्लिम ब्रदरहुड का सदस्य होने की बात कबूल की है, जिसे मिस्र एक आतंकवादी समूह मानता है।
मानवाधिकार समूहों का कहना है कि मिस्र लौटने पर उन्हें प्रताड़ित और परेशान किया जाएगा।
मोहम्मद फौज़ी ने कहा कि यह संदिग्ध लोग अन्य देशों में बड़े पैमाने पर आतंकवादी हमले शुरू करने की योजना बना रहे हैं।
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने एक बयान में इस मलेशियाई निर्णय पर संशोधन के लिए अपील की है और चेतावनी दी है कि कि निष्कासित मिस्रियों को लापता होने, यातना, दीर्घकालिक हिरासत और अनुचित परीक्षणों का खतरा है।
2016 में जकार्ता, इंडोनेशिया और कुआलालंपुर में दाइश से वाबस्ता बंदूकधारियों द्वारा कई आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के बाद मलेशिया ने चरमपंथी समूहों के सैकड़ों संदिग्ध सदस्यों को गिरफ्तार किया है।
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