अंतरराष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी (IQNA) ने "Essada.net" द्वारा उद्धृत किया कि "जकार्ता" के पहले ईसाई राज्यपाल "बासुकी तजाहा पुरनामा" चीनी जातीय के हैं लकब "आहुक" है।
इसने इस साल अप्रैल में अपने बयान में कहा कि मेरे विरोधी इंडोनेशिया के विभिन्न क्षेत्रों में गवर्नर के चुनाव के लिए कर रहे हैं जो अगले साल आयोजित होने वाला है लोग़ मुस्लिम मतदाताओं को सुर माईदा की 51वीं आयत को बताकर धोखा दे रहे हैं कि मुस्लिम उम्मीदवार का चुनाव ज़रूरी है
जकार्ता राज्यपाल की इस टिप्पणी से शहर में व्यापक विरोध के कारण कुरान का अपमान करने वाले पर केस का अनुरोध किया है
इस बयान के सबब लोग़ बड़े पैमाने पर लोकप्रिय विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं
हालांकि जकार्ता के राज्यपाल ने अपने बयान के लिए सार्वजनिक क्षमायाचना भी किया और, इंडोनेशिया के मुस्लिम उलेमा काउंसिल से अपनी टिप्पणी के लिए और क्षमा और माफी भी मांग़ी है लेकिन देश के मुसलमान अभी ख़ामोश नही हुए है