अंतर्राष्ट्रीय कुरान न्यूज एजेंसी (IQNA) ने बहरियन अल-यौम न्यूज़ साइट के अनुसार बताया कि बहरीन में लोकतंत्र और मानव अधिकार शांति संगठन कल 19 जनवरी को कर एक रिपोर्ट जारी कर 2011 से 2017 तक शिया विद्वानों के खिलाफ आले-खलीफा द्वारा किए गए अपराधों की समीक्षा किया।
इन अपराधों में मौत की सजा, जीवन कारावास, नागरिकता से वंचित, मनमाने ढंग से गिरफ्तारी, अपमान और यातना करना शामिल है।
रिपोर्ट में बताया ग़या है कि बहरीन के सुरक्षा बलों ने 156 शिया विद्वानों को व्याख्यान देने, एतेक़ादी और राजनीतिक राय व्यक्त करने के लिए बुलाया, जिनमें से 89 को मनमाने ढंग से गिरफ्तार किया गया था।
इस रिपोर्ट में आया है कि 50 शिया विद्वानों के लिए ज़ालिमान और ना आदेलाना आदेश दे कर जीवन और फांसी की सजा दिया है।
ऑरगेनाइजेशन फॉर डेमोक्रेसी एंड ह्यूमन राइट्स ने जोर देते हुए कहा है कि शिया विद्वानों के हक़ में यह अपराध जारी है, जिनमें से तीन को मौत की सजा सुनाई गई है, 1 9 लोग जिनमें से अयातुल्ला ईसा कसिम, अयातुल्ला शेख मोहम्मद सनद और अयातुल्ला शेख हसन नेजती की राष्ट्रीयता को छीन लिया गया।
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