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डॉ. रूहानी का भारत के राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री द्वारा आधिकारिक स्वागत

15:40 - February 17, 2018
समाचार आईडी: 3472285
राजनीतिक समूहः हुज्जतुल इस्लाम इस्लाम वल मुस्लेमीन डॉ रूहानी का आज 17 फ़रवरी को और भारत की अपनी यात्रा के दूसरे चरण की शुरुआत में, आधिकारिक स्तर पर इस देश के राष्ट्रपति महल में औपचारिक रूप से राष्ट्रपति और भारत के प्रधान मंत्री द्वारा स्वागत किया गया।

डॉ. रूहानी का भारत के राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री द्वारा आधिकारिक स्वागतIQNA के अनुसार, राष्ट्रपति के सूचना आधार के अनुसार, हुज्जतुल इस्लाम इस्लाम वल मुस्लेमीन डॉ। हसन रूहानी के आधिकारिक रिसेप्शन समारोह में ईरान और भारत के राष्ट्रगान के बाद दोनों देशों के राष्ट्रपतियों ने औपचारिकताओं के साथ मुलाकात की।
समारोह के दौरान ईरान इस्लामी के राष्ट्रपति और प्रतिनिधिमंडल की मौजूदगी के सम्मान में21 राउंड, तोपों की सलामी दी गई और ईरान और भारत के राष्ट्रपतियों व उच्चस्तरीय अधिकारियों के साथ ऐक दूसरे का परिचय पेश किया।
ईरान व भारतीय संबंधों के बारे में सवाल के जवाब में डॉ। रौहनी ने कहा: अगर हम इस यात्रा पर महान संबंध बनाने की बात कर सकते हैं कि जो हमारे पूर्वजों ने ईरान और भारत किया है, तो हम ने एक बेहतरीन काम किया।
भारत के राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री और दोनों देशों के उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडलों के बीच आधिकारिक वार्ता और बैठक भारत के प्रधान मंत्री के हैदराबाद महल में आयोजित होगी।
डॉ Rohani का भारत की तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा गुरुवार व देश के दक्षिण में हैदराबाद पहुंचने के साथ शुरू हुई ।
डा। रौहानी द्वारा गांधी को श्रद्धांजलि, भारत के दिवंगत राजनीतिक और आध्यात्मिक नेता
राष्ट्रपति ने महात्मा गांधी के स्मारक पर उपस्थित होकर भारत के दिवंगत राजनीतिक और आध्यात्मिक नेता और स्वतंत्रता के पिता फूल चढ़ा कर सम्मान व श्रद्धांजलि अर्पित की और महात्मा गांधी के स्मारक रजिष्टर में हस्ताक्षर किऐ।
डा। रौहानी ने गांधी मेमोरियल रजिष्टर में लिखा:
"बिस्मिल्लाहिर-रहमानिर-रहीम
हर व्यक्ति जो कि मानवता के भविष्य के बारे में अच्छा सोचता है, निश्चितता के साथ इतिहास में अद्वितीय मानव जैसे महात्मा गांधी की मौत प्रभावित होगा, लेकिन वह जो हमेशा आज़ाद पुरुषों को आशावान करता है, ऐसे पुरुषों के मानववता के जीवनदायी विचारों और सोच, स्वतंत्रता और न्यायिक विचार हैं बस।
महान भारत के इतिहास में एक समय के दौरान महात्मा गांधी ने अपने देश से औपनिवेशिक बलों को बाहर निकालने के लिए नेतृत्व किया। उनके नेतृत्व की विशेष्ता में से लोगों के बीच एक एकता, स्नेह और दोस्ती, अहिंसा, न्याय और क़ानून मंदी, वैधता और प्रोत्साहन का प्रसार हर अक़ीदे व मस्लक के साथ था और जिससे उनके देश की स्वतंत्रता का फल प्राप्त हुआ। जाहिर है, भविष्य में मानवीय समृद्धि की उत्कृष्टता कानून के शासन और न्याय की स्थापना पर निर्भर करती है, न कि वह ताकतवर ताकतें के आधार पर जो दुनिया के लिए कूटनीति बनाती हैं।


हसन रूहानी
इस्लामी गणराज्य ईरान
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