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अफगानिस्तान के बारे में ट्रम्प की टिप्पणी पर भारत की प्रतिक्रिया

17:54 - January 05, 2019
समाचार आईडी: 3473213
इंटरनेशनल ग्रुप- नई दिल्ली ने संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के बयान के जवाब में एक बयान जारी किया, जिसमें इस शहर को अफगानिस्तान की उन्नति में विकास भागीदार के रूप में संदर्भित किया है।

IQNA की रिपोर्ट अफगानिस्तान "दीद" समाचार एजेंसी के अनुसार; नई दिल्ली ने कल डोनाल्ड ट्रम्प (अमेरिकी राष्ट्रपति) द्वारा अफगानिस्तान में भारत की उपस्थिति और भूमिका व सहायता पर नरेंद्र मूदी (भारतीय प्रधान मंत्री)की टिप्पणी के बारे में दिऐ गऐ हास्यास्पद बयान पर प्रतिक्रिया ब्यक्त की और उसकी निंदा की, नई दिल्ली ने कहा है कि अफगानिस्तान के विकास और आबादकारी के लिए देश ने अफगानिस्तान में $ 3 बिलियन का योगदान दिया है।
ट्रम्प ने बुधवार (2 जनवरी) को कहा, "मैं भारत और प्रधान मंत्री मूदी से अच्छे संबंध रखता हूं, लेकिन वह मुझसे लगातार कहते हैं कि उन्होंने अफगानिस्तान में एक पुस्तकालय बनाया है, एक पुस्तकालय. वह हर बार यह कहते हैं और मैं भी इस एक पुस्तकालय के कारण हर बार उसके लिए धन्यवाद करूं। मुझे नहीं पता कि यह ऐक पुस्तकालय युद्धग्रस्त देश अफगानिस्तान का किस तरह का इलाज करेगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति के इन बयानों के जवाब में, भारत सरकार ने एक बयान में दावा किया कि उसने अफगानिस्तान को विकास खर्च में $ 3 बिलियन का प्रावधान किया है, और नई दिल्ली एक सहयोगी के रूप में अफगानिस्तान की उन्नति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, और इन परियोजनाओं का उद्देश्य इस देश के लोगों के जीवन स्तर में सुधार करना है।
इस बयान में, भारत कहता है कि यह अफगानिस्तान के लोगों की स्थित को बेहतर बनाने और उनके जीवन स्तर को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
इस बयान के एक अन्य हिस्से में, सहायता को अफगानिस्तान में सूचीबद्ध किया गया है; नई दिल्ली की सहायता में 218 किलोमीटर की सड़क, खेतों को सींचने के लिए एक बांध और भारत में 3,500 से अधिक अफ़गान सैन्य बलों का प्रशिक्षण शामिल है। भारत ने इसी तरह अफगानिस्तान को 1.1 मिलियन टन गेहूं भी उपलब्ध कराया और 400 बेड के अस्पताल का निर्माण और जीर्णोद्धार किया।
भारत के शासक पार्टी के प्रधान सचिव, राम माधव ने भी अपने ट्विटर पर ट्रम्प के बयान का जवाब देते हुऐ कहा: भारत अफगानिस्तान में जीवन बना रहा है। ट्रम्प को (अफगानिस्तान में) किसी अन्य मदद की आलोचना करने के बावजूद यह समझना चाहिए कि, भारत न केवल एक पुस्तकालय, बल्कि एक सड़क, अवरोध, स्कूल और यहां तक ​​कि एक संसदीय भवन भी बना रहा है।
गौरतलब है कि भारत ने कई प्रमुख परियोजनाओं का निर्माण किया है, जैसे कि एक नई अफगान संसद और देश के पश्चिम में सलमा बांध (हेरियूड और हेरात प्रांत के चेश शरीफ जिले में बांध) का निर्माण, जो पिछले साल लॉन्च किया गया था।
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