अंतर्राष्ट्रीय कुरआन समाचार एजेंसी (IQNA) ने क़ाफ कुरआनी समाचार एजेंसी के अनुसार बताया कि "हम्दीह जोआज़ मूसा" 1929 में बसरा प्रांत के उत्तर में अल-मदीना जिले में पैदा हुई थीं।
90 वर्ष की उम्र में कुरान को हिफ्ज़ करके उन्होंने साबित किया कि मानव जीवन में उम्र केवल एक है। इस इराकी महिला ने पूरे कुरान को छह साल में हिफ्ज़ करने वाली पहली महिला हैं जिन्होंने इस उम्र की तमाम कठिनाइयों के बावजूद हिफ्ज़ किया जो कि अपने आप में एक रिकॉर्ड है।
"हम्दीह जोआज़ मूसा" हरमे हुसैनी के कुरआन प्रशिक्षण केनद्र की फारिग़ हैं और अपने घर और पाठ्यक्रमों के आयोजन स्थल के बीच लंबी दूरी के बावजूद कक्षाओं के लिए उनका पालन इस इराकी महिला की विशेषता है।
गौरतलब है कि हरमे हुसैनी के दारुल कुरआन अपनी स्थापना के बाद से कुरान में कंठस्थ करने, याद करने और ध्यान देने के लिए समर्पित है, और इस केंद्र की सबसे महत्वपूर्ण गतिविधियों में से एक "हज़ार हाफिज" परियोजना है, जिसमें में इराक के विभिन्न क्षेत्रों से 4 हज़ार और 6 हज़ार पुरुष और महिला कुरान शिक्षार्थी शामिल हैं।
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