ईरानी कुरान समाचार एजेंसी (IQNA) शाखा भारत, इस एक दिवसीय संगोष्ठी में, मीर अनीस की व्यक्तित्व भारती महान Shi'i कवि के रूप में और इस उर्दू कवि के मर्सियों की जांच की गई.
"रिजवान हैदर, मस्जिद, इमाम हसन Askari(अ.स.) Vlkym क्षेत्र, के इमाम जुमा ने दिल्ली संगोष्ठी में कहा मीर अनीस मर्सिया निगारी क्षेत्र में बहुत गतिविधियों अंजाम दी हैं,तथा इस तकनीक को बढ़ावा देने के लिए बहुत कुछ किया है और बड़ा कदम उठाया है.
रिजवान हैदर ने जारी रखते हुऐ कहा: भारत के कुछ विश्वविद्यालयों में पाठ्यक्रम के तौर पर मीर अनीस के मर्सिये की ऐक संख्या पढ़ाई जाती है जो इस कवि की मरेसिया निगारी में एक महत्वपूर्ण स्थान को बयान करता है.
यह मूल्य उल्लेख है, "अनीस" या "मीर अनीस" शिया धार्मिक कवि और उर्दू मर्सिया निगार तेरहवीं शताब्दी में लख्नऊ में इस तकनीक को अग्रिम सर्वोच्च स्थान दिया, वह पहले "उहज़ीन" और फिर "अनीस 'के नाम से मशहूर हुऐ आपने मर्सिये के फ़न को वह जगह अता की कि अब तक उसके लिऐ कोई मिसाल नहीं मिल सकी.
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