अंतरराष्ट्रीय समूह: कुछ अरबी देशों में इस्लामी जागृति का नयाआंदोलन, लोगों की चेतना और जागरण की निशानी है,और यह लहर,तानाशाहों और ठगों की नीतियों के खत्म होने के संकेत है जिन्हों ने अपनी नीतियों से मुस्लिम विश्व में धार्मिक और सांप्रदायिक दंगो को जन्म दिया है.
"शेख अहमद Alqatan,लेबनान के प्रमुख सुन्नी विद्वान और इस देश के संगठन,"क़ौलन वल-अमल"के अध्यक्ष ने ईरानी कुरान समाचार एजेंसी(IQNA)के साथ तेहरान में 24वें अंतर्राष्ट्रीय इस्लामी एकता सम्मेलन के तहत एक साक्षात्कार में इस घोषणा के साथ कहा मुसल्मानों ने इस जनता आंदोलन में घोषणा की कि चुप्प रहने का समय खत्म हो गया और अब उसका वक़्त आगया है कि ज़ालिमों और आतंकवादियों को किनारे किया जाऐ ताकि इस्लामी एकता जनम ले और वह नीतियां जो अब तक मुसलमानों के बीच विभाजन का कारण हैं समाप्त हों.
Alqatan ने कहा: इस्लाम एक महान चक्र है कि अपने सभी मुसलमानों को सभी प्रवृत्तियों के साथ अपने भीतर ले सकता है,लेकिन आज हम मुसलमानों ने इस्लाम के बड़े सर्कल के भीतर छोटे सर्कल तैयार करके अपनी सीमाओं को सीमित कर लिया है, और अपने कमजोर होने का कारण बन गए हैं.
इस लेबनान के विचारक ने कहा: इन क्रांतियों में शक्तिशाली उत्पीड़कों पर मुसलमानों की जीत का ईमान के अलावा कोई अन्य हथियार नही है,यह झूठ पर सत्य की जीतकी निशानी है कि भगवान ने मुसलमानों के लिए यह वादा किया था.
संगठन "क़ौलन वल-अमल"लेबनान के प्रमुख ने,अंत में इस्लामी गणराज्य ईरान द्वारा इस्लामी एकता को प्राप्त करने के प्रयासों का धन्यवाद दिया और कहा: "ईरान, मुसलमानों के बीच एकता पैदा करने के लिए ऐतिहासिक और देरीना प्रयास कर रहा है और इस्लामी गणराज्य ईरान के निरंतर प्रयास व कोशिश को व्यक्त करने में बस यही एहसास काफ़ी है कि हर साल एकता सप्ताह में यह कीमती सम्मेलन तेहरान में आयोजित किया , जाता है,और यह सम्मेलन इस्लामी एकता और विचारों को लागू करने के रास्ते में एक कदम है.
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