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शैतानी बुराई आतंकवाद से मुक़ाबिला अपनी वाजिब ड्यूटी जानते हैं:

12:09 - June 26, 2011
समाचार आईडी: 2144511
राजनीतिक समूह:हज़रत अयातुल्ला Khamenei ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई की पहली अंतरराष्ट्रीय बैठक के लिए एक संदेश में कहा कि हम एक एैसे राष्ट्र के रूप में,जिसने पिछले तीन दशकों में क्रूर आतंकवाद से हुऐ भारी हानि को झेल रहे हैं इस शैतानी बुराई के खिलाफ लड़ाई को अपनी वाजिब ड्यूटी जानते हैं.
ईरानी कुरान समाचार एजेंसी(IQNA)क्रांति के सुप्रीम नेता का आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई पर अंतरराष्ट्रीय पहली बैठक के लिऐ पूर्ण संदेश निम्नानुसार है:

बिस्मिल्लाह हिर्रहमानि र्रहीम

प्रिय मेहमानों, प्रिय दर्शकों! आप हज़रात से जो यहाँ वर्तमान में मानवता के लिऐ एक विनाशकारी घटना यानि आतंकवाद की जाँच के जमा हुऐ हैं, धन्यवाद और स्वागत करते हैं. यह समीक्षाऐं निस्संदेह जारी रखाना चाहिऐ और जागरूक दृढ़ संकल्प और गंभीर प्रयासों के साथ अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में तमाम होना चाहिऐ आतंकवाद को रोकने और मानवता को बचाने में एक बड़ा कदम हो सकता है. परमेश्वर की इच्छा से.
हम परमात्मा के मार्गदर्शन में विश्वास और मदद करते हुऐ, उम्मीद के साथ इसे अंजाम देंगे,और सभी ईमानदार व दिलसोज़ ऐवं ज़िम्मेदारी को महसूस करने वाले साथियों के साथ आगे जाऐंगे.
आतंकवाद कोई नई उत्पाद और हाल के समय की घटना नहीं है लेकिन भयानक और विनाशकारी हथियारों के आगमन ने सामूहिक हत्या और घटनाऐं आसान होगई हैं और यह बदसूरत बुराई सैकड़ों बरबाबर खतरनाक होगई है.
एक अन्य और चौंकाने वाला महत्वपूर्ण प्वाइंट, दुष्ट शक्तियों के शैतानी विश्लेषण हैं जो आतंकवाद को अपने नाजायज उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिऐ अपनी प्रमुख नीतियों और योजना चक्र के रूप में इस्तेमाल कर रही हैं.
हमारे क्षेत्र के राष्ट्र ऐतिहासिक स्मृति को कभी नहीं भूल पाऐंगे कि औपनिवेशिक सरकारों ने किस तरह फिलिस्तीन के अपहरण करने और मज़्लूम मिल्लत को उनके घरों से निकालने के लिए आतंकवादी समूहों जैसे अंतर्राष्ट्रीय इजरायलवाद एजेंसी ऐव एक दर्जन से अधिक अन्य इसी तरह के संगठनों को संगठित किया है जिन के ज़रये Dyryasyn आदि जैसी आपदाऐं अंजाम दी हैं.
यहूदी शासन ने अपनी स्थापना के वक़्त सेआज तक फिलिस्तीन के अंदर और बाहर आतंकवादी वारदातों को सार्वजनिक रूप से जारी रखे है और बेशर्मी से घोषणा भी करता है यहूदी शासन के पिछले और मौजूदा नेता खुलेआम अपनी आतंकवादी कार्वाइयों यहां तक कि आतंकवादी अभियानों में अपनी भागीदारी पर गर्व कर रहे हैं.
दूसरी मिसाल अमेरिकी शासन अफ़्गानिस्तान व पाकिस्तान गावों व दीहातों पर बम्बारी करके मज़्लूम व निहत्ते लोगों को खून व मौत में बदल दिया इसी तरह इराक़ में तथा ईरान,पाकिस्तान,अफ़्गानिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों के माध्यम व मोसाद के सहयोग से बम बलास्ट कराता रहता है ऐवं ईरानी मुसाफिर जहाज़ पर हमला करके 300 से अधिक बच्चों व पुरुष व महिलाओं को शहीद कर दिया यह घटनाऐं भूलाने वाली नहीं है.
इन कार्वाइयों के साथ आतंकवाद से मुक़ाबिले का दावा बहुत ही बेशर्मी व ज़लालत का है.
अम्रीका और यूरोपीय सरकारें तथा ब्रिटेन इस हाल में फ़िलिस्तीनी आंदोलन जो अपनी ज़मीन छुड़ाने के कोशिश कर रहे हैं आतंकवादी कहते हैं आतंकवाद की यह परिभाषा वैश्विक आतंकवाद से लड़ने के लिऐ सबसे पहली समस्या है.
मुसल्लत निज़ाम के नेताओं की दृष्ट से जो उनके नाजाएज़ फ़ाएदों के ख़िलाफ़ बोले और अपने जाएज़ अधिकार के लिऐ ग़ासिबों से मुक़ाबिला करे वह आतंकवादी है लेकिन अपने ऐटमी हथ्यारों को जो शांति व मानवता की सुरक्षा लिऐ ऐक खतरनाक मुसीबत है आतंकवाद नहीं कहते है.
इस बैठक का एक बुनियादी काम आतंकवाद की एक स्पष्ट और सटीक परिभाषा पेश करना है.
हम इस्लामी शिक्षाओं के आधार पर कि इन्सान की करामत जिस में सबसे ऊपर है ऐक बेगुनाह मानव की हत्या को तमाम मानवता की हत्या मानते हैं और हम एक एैसे राष्ट्र के रूप में,जिसने पिछले तीन दशकों में क्रूर आतंकवाद से हुऐ भारी हानि को झेल रहे हैं इस शैतानी बुराई के खिलाफ लड़ाई को अपनी वाजिब ड्यूटी जानते हैं. अल्लाह की ताक़त व क़ूव्वत से.
वस्सलामो अलैकुम व अला इबादिल्लाहिस्सालेहीन
सैय्यद अली Khamenei
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