ईरानी कुरान समाचार एजेंसी (IQNA) समाचार नेटवर्क अल आलम के अनुसार, हलब के पास Zahra और nbel कस्बों के निवासियों की भारी घेराबंदी कर रखी है ज़ाहिर में तो इस घेराबंदी का सबब जातीय व सम्प्रदायक है लेकिन वास्तविकता यह है कि यह दो शहर तुर्की के सीमा क्षेत्रों में आतंकवादियों के खिलाफ सबसे बड़ी रुकावट हैं।
इस रिपोर्ट के अनुसार, इन दो शहरों की व्यापक और चारों ओर से घेराबंदी ने इन क्षेत्रों के निवासियों के लिऐ गंभीर खाद्य समस्याओं को खड़ा कर दिया है.
Zahra और nbel शहर,हलब से 20 किमी दूरी पर आबाद हैं और इन दो सिटीज़ की दूरी तुर्की के उत्तरी सीमा में "बाबुस्सलामह" सीमा तक करीब 25 किलोमीटर है।
इन दो शहरों के पूर्व, दक्षिण और उत्तर में दो सुन्नी कस्बे है जिनमें हथियारों से लैस आतंकवादी समूह इन कस्बों में डेरा जमाऐ हैं, पश्चिम में भी कुछ गांव कुर्द आबादी वाले हैं जो कुर्दी कार्यगरान पार्टी के नियंत्रण में हैं।
इन दो शहरों में रहने वाले कुल 60 हजार लोग हैं जो सब की सब शिया बारा इमामी हैं अशांति, और युद्ध के कारण लग भग 15 हजार लोग विभिन्न क्षेत्रों से मजबूर होकर या अपनी ख़ुशी से हिजरत करके आगऐ हैं और सुन्नी क्षेत्रों के निवासियों की कुछ संख्या भी सशस्त्र तत्वों के दबाव या उनके आदेश न मानने के कारण अपने निवास से मजबूर होकर हिजरत करके आगऐ हैं और इस प्रकार इन दो शहरों के निवासियों की संख्या 80 हजार होगई है इन के बीच 3 हजार विरोधी विपक्ष के परिवारों के लोग विशेष रूप से महिलाऐं और बच्चे है जो सेना के साथ युद्ध के कारण भाग आऐ हैं.
अब, इन दो शहरों के निवासी भारी घेराबंदी में हैं; और जो कोई भी, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इन दो शहरों में सहायता भेजने का इरादा करता है उस मौत की धमकी मिलती है.
शहर nbel और Zahra के घेराबंदी के कारण बुनियादी वस्तुओं, दवाओं और दैनिक आवश्यक चीज़ों रोटी आदि से वंचित हो गऐ हैं।
सभी बुनियादी वस्तुओं और दवाओं के दुर्लभ होने के अलावा,इन दो शहरों के निवासियों को हर दिन सशस्त्र तत्वों और आतंकवादी समूहों से ब्यापक हमला करने और इन दो शहरों को पूरी तरह से शियों से साफ़ करने की धमकी भी मिलती रहती है.
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