रोहिंग्याई मुसल्मानों को भुखमरी और मौत से बचाने में मदद की अपील
अंतरराष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी (IQNA) अनातोलिया समाचार एजेंसी द्वारा उद्धृत, रोहिंग्याई मुसलमानों के अधिकारों के समर्थक समूहों ने घोषणा की है कि रोहिंग्या के मुस्लिम सामूहिक तौर पर भूख और भोजन की कमी के कारण मौत जोखिम में पड़े हुए हैं।
एक महीने पहले, बंदूकधारियों के एक समूह ने म्यांमार के नौ पुलिस अधिकारियों पर हमला किया और उनकी हत्या कर दी, म्यांमार सरकार ने इस घोषणा के साथ कि इस हमले के अपराधी रोहिंग्या के मुसलमान हैं, रोहिंग्या के मुस्लिम बहुमत राज्य राख़ीन पर घेरा बंदी की कार्रवाई की, और बहुत से लोगों को मार डाला और गिरफ्तार कर लिया।
रोहिंग्याई मुस्लिम अल्पसंख्यक संयुक्त राष्ट्र संगठनों की ओर से विश्व भर में मज़लूमतरीन अल्पसंख्यकों मे गिनी जाती है कि म्यांमार सरकार ने उनसे रहने का हक़ छीन लिया है और वर्षों से उनकों अपने हत्याचार व भेदभाव का निशाना बनाऐ हुऐ है।
रोहिंग्याई मुसलमानों का समर्थन करने वाले मानव अधिकार समूहों ने एक बयान जारी करके " हत्या, बलात्कार, और रोहिंग्या मुसलमानों की बड़े पैमाने पर गिरफ्तारी व भूख से निपटने के लिऐ अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई की आवश्यकता पर बल देते हुऐ 'सरकारों,दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ और संयुक्त राष्ट्र की यूनियनों, से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है।
बयान में कहा गया है कि "आंग सान सू ची", नोबेल शांति पुरस्कार विजेता के नेतृत्व में म्यांमार की नई सरकार, पिछली सैन्य शासन की तरह ही काम कर रही है, और आशा के ख़िलाफ़ इस आक्रमण को समाप्त करने में विफल रही है।