ऐक बहरीनी आलिम के घर पर आले ख़लीफ़ा के गुर्गों का हमला
अंतरराष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी (IQNA) "मनामा पोस्ट"समाचार साइट के अनुसार, बहरीनी शासन के मज़्दूरों और मिलिशिया तत्वों की एक संख्या ने कल देश की खुफिया प्रणाली के साथ " Seyyed अक़ील-मूसवी" बहरीनी शिया आलिम के घर पर हमला किया।
इस हमले में, जो सऊदी ग़ासिब बलों की बहरीन की ज़मीन पर प्रवेश सालगिरह के साथ हुआ, आले ख़लीफ़ा शासन के मज़्दूरों ने इस शिया आलिम के घर "सार" शहर पर हमला किया और उनके दो पुत्रों बनाम "जिहाद" और "मुहम्मद" को गिरफ्तार कर लिया।
कुछ राजनीतिज्ञ कार्यकर्ताओं का मानना है कि आले ख़लीफ़ा शासन की यह कार्वाई इस के बाद अंजाम दी गई कि बहरीनी गृह मंत्रालय और इससे संबद्धित संस्थाऐं सैय्यद अक़ील अल-मूसवी को गिरफ्तार करने में नाकाम रही हैं और वास्तव में, यह हमला इस शिया आलिम के परिवार से बदला लेने के लिए किया गया है।
सैय्यद अक़ील अल-मूसवी की 2014 में बहरीनी शासन द्वारा नागरिकता छीन ली गई थी और तब से आले ख़लीफ़ा के गुर्गों के की नज़र में है।
यह शिया आलिम बराबर इस पर जोर देते रहे है कि इस्लाम उत्पीड़न, अत्याचार और विदेशी कब्जे के खिलाफ संघर्ष से जुड़े रहने को वैध मानता है बहरीनी शासन को भ्रष्टाचार, मानहानि और लोगों की प्रतिष्ठा और खून बहाने का आरोप लगाते हैं तथा सऊदी ग़ासिब बलों को बहरीनी ज़मीन से निष्कासित करने के लिए प्रतिरोध और रक्षा को एक नैतिक और धार्मिक कर्तव्य समझते हैं।
सैय्यद अक़ील अल-मूसवी ने बहरीन पीपुल्स मूवमेंट जो कि फरवरी 2011 में शुरू किया गया था और अभी भी चल रहा है का लगातार समर्थन किया है और यही बात कारण बनी हुई है कि आले ख़लीफ़ा शासन उन्हें लक्षित करे।