अनातोलिया के अनुसार, इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के मानवाधिकार शाखा ने कश्मीर के कुछ हिस्सों पर नियंत्रण बढ़ाने के लिए भारत सरकार के कानूनों की निंदा की है।
इस संगठन ने अपने ट्विटर पेज पर लिखा, भारत सरकार की ओर से अवैध आदेश "2020 में जम्मू और कश्मीर के पुनर्गठन" की घोषणा की निंदा करते हैं। यह कार्वाई भारतीय कब्जे के तहत कश्मीर की जनसांख्यिकीय और भौगोलिक स्थिति को बदलने का एक प्रयास है।
इस संगठन ने बल दियाः भारत का हालिया कदम अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून और मानवीय कानून का उल्लंघन करता है, जिसमें चौथा जिनेवा कन्वेंशन, इस्लामिक सहयोग संगठन और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के संकल्प शामिल हैं।
इसी तरह भारत से कश्मीर में मानवाधिकारों के हनन को रोकने, कड़े कानूनों को निरस्त करने और कश्मीर को स्वायत्तता के अधिकार को मान्यता देने का भी आह्वान किया है।
नए कानून के तहत, जो लोग 15 साल से विवादित कश्मीर क्षेत्र में रहते हैं, वे स्थायी निवास के लिए पात्र हैं।
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