अल-सुमेरिया न्यूज के हवाले से, प्रश्न का पाठ और कोरोना बीमारी के प्रकोप के दिनों में उपवास पर अयातुल्ला बशीर नजफ़ी का जवाब इस प्रकार है:
प्रश्न: दुनिया में कोरोना की व्यापकता को देखते हुए, इन दिनों उपवास के कारण बीमार होने के डर और रोज़ा रखने पर क्या हुक्म है?
उत्तर: यदि रोज़ा रखने वाला जानता है कि रोज़ादारी इस बीमारी में संक्रमित होने का कारण बनती है, तो इफ्तार(रोज़ ना रखना) उस पर वाजिब है। हमारे पास चिकित्सा अनुसंधान के अनुसार पंहुची जानकारी, उपवास और कोरोना रोग के बीच कोई संबंध नहीं है। हदीस "स्वस्थ रहने के लिए उपवास रखें" सभी मुसलमानों के लिए पैगंबर (PBUH) से सुनाई गई है। इसलिए हमें इस सम्मानजनक महीने में उपवास को बीमारियों विशेष रूप से ब्यापक कोरोना रोग की रोकथाम के लिए एक ट्रॉफी के रूप में समझना चाहिए।
ईश्वर सभी लोगों को, खासकर विश्वासियों को पुरस्कृत करे।
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