यूरोन्यूज़ के अनुसार, ईसाई धर्मगुरु और अश्वेत कार्यकर्ता, आल शारप्टन ने इसस समारोह में कहा, "जॉर्ज फ्लॉयड की कहानी काले लोगों की कहानी है।" क्योंकि 401 साल पहले, अगर हम वह नहीं हो सकते जो हम बनना चाहते थे और उसका सपना देखते थे, ऐसा इसलिए था क्योंकि आपने अपने घुटने हमारी गर्दन पर रख दिए थे।" उसने कहा: " समय आगया है कि जॉर्ज के नाम से आगे बढ़ें और कहें कि हमारी गर्दन से अपने घुटने हटाओ।
उन्होंने कहा कि यह घटना न्यायपालिका की पूरी प्रणाली में बदलाव के लिऐ ऐक तहरीक होगी।
शार्प्टन ने भावुक लहजे में अपना भाषण जारी रखते हुऐ कहा: "सीज़र जाने का समय आ गया है!" बहाने बनाने का समय ख़त्म! यह उसे डंप करने और आगे बढ़ने का समय है। खाली शब्दों और वादों का समय समाप्त होगया! बात करने का समय आगया और न्याय का हाथ बांधने का समय है ! ”।
दूसरी ओर मिनियापोलिस जज ने उसी समय, जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या में शामिल आरोपी इसी शहर के तीन पुलिस अधिकारियों के लिए $ 750,000 की जमानत जारी की है।
पीड़ित के सम्मान में लगभग 9 मिनट का मौन रखा
उपस्थित लोगों ने जॉर्ज फ्लोयड के सम्मान में 8 मिनट और 46 सेकंड का मौन रखा, जिस तरह पुलिस ने 46 वर्षीय पीड़ित को बंधे हाथों से ज़मीन पर लिटा दिया था।इसी तरह जॉर्ज फ्लॉयड की गिरफ्तारी और मौत के स्थल पर एक भित्ति चित्र की तस्वीर भी प्रसारित हुई, जिस के ऊपर लिखा था: "अब मैं सांस ले सकता हूं।"
यह समारोह जॉर्ज फ्लॉयड के लिए पहला शोक कार्यक्रम है, और अगले छह दिनों में, उनका अंतिम संस्कार तीन अन्य शहरों में होगा जहां वह पैदा हुए थे, स्कूल गऐ थे और काम किया था।
इसी तरह इस समारोह में जेसी जैक्सन, एक प्रमुख अश्वेत पादरी, एमी क्लोपचार, और अमेरिकी कांग्रेस के कई सदस्य शामिल थे, जिनमें इलान उमर, शीला जैक्सन ली और अयाना प्रेस्ले शामिल थे। इसी तरह T.A., लुडाक्रिस, टायरेस गिब्सन, केविन हार्ट और टिफ़नी हदीश और मार्था मार्टिन सहित कई प्रसिद्ध सांस्कृतिक और कलात्मक हस्तियां भी शामिल हुईं।
मिनियापोलिस के पुलिस अधिकारी डेरिक श्वेनेन ने 25 मई को जॉर्ज फ्लॉयड को गिरफ़तारी के समय घुटने से दब दिया और उसे कई मिनट तक अपने घुटनों से दबाऐ रखा, जिससे उसकी मौत हो गई।इस वीडियो की रिलीज़ ने संयुक्त राज्य अमेरिका और दुनिया भर में बहुत गुस्से और प्रतिक्रिया पर लोगों को उकसाया है।
हाल के दिनों में, दुनिया भर के प्रदर्शनकारियों ने पेरिस से लंदन तक और सिडनी से रियो डी जेनेरियो तक, अश्वेतों और नस्लीय अल्पसंख्यकों के अधिकारों के उल्लंघन के लिए सड़कों पर उतर कर अपना विरोध जताया है और कई विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए।अब तक अमेरिका में विरोध प्रदर्शन के दौरान, 12 लोग मारे गए हैं और लगभग 10,000 लोग हिरासत में लिऐ गऐ हैं।
3903047