इकना ने हिंदुस्तानी टाइम्स के अनुसार बताया कि भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश के लखनऊ क्षेत्र में स्थानीय अधिकारियों और शिया धर्मगुरुओं के बीच सहमति पर अनुमति दी ग़ई ताकि अज़ादार अपने घरों पर सामाजिक दूरी का पालन करते हुए शोक समारोह आयोजित करें। हालांकि, अभी तक शोक जुलूसों पर कोई निर्णय नहीं हुआ है।
लखनऊ जिला के अटॉर्नी अभिषेक प्रकाश ने कहा कि सरकार ने शिया समुदाय के सदस्यों को मुहर्रम के दौरान प्रतिबंधों और सामाजिक भेदभाव के साथ अपने घरों में ताज़िये रखने और शोक प्रदर्शन करने की अनुमति दी थी।
हालांकि, शिया धर्मगुरु मौलाना जवाद ने कोरोना के कारण लगाए गए प्रतिबंधों का विरोध करने के लिए शनिवार शाम को धरना दिया।
शिया धर्मगुरु ने कहा: कि "हर कोई जानता है कि मुहर्रम में शोक और ताज़िये एक अभिन्न हिस्सा हैं और शिया इन अनुष्ठानों को धारण करने से बच नहीं सकते हैं।" हम लखनऊ हुसैनिया में एक हजार लोगों की उपस्थिति की सोच रहे थे। इस लिए कि ये हुसैनिया बहुत बड़ा है और हम उनमें सामाजिक दूरियों का पालन कर सकते थे। लेकिन राज्य सरकार के साथ उच्च-स्तरीय वार्ता के बाद, उन्होंने केवल सात हुसैनियों को केवल 20 शोकसभाओं के साथ एक घंटे का शोक समारोह आयोजित करने की अनुमति दी, और अन्य लोग इस समारोह को ऑनलाइन देख़ सकते हैं।
शिया धर्मगुरुओं ने इस से पहले भी अदालत द्वारा मुहर्रम शोक समारोह आयोजित करने के लिए अनुमति ले चुके हैं।
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