तेहरान (IQNA) भारत की राजधानी दिल्ली में कोरोना के प्रकोप और कानूनी प्रतिबंधों के कारण 700 वर्षों में पहली बार, शोक समारोह, आयोजित नहीं किया जाएगा ।
इकना ने National Herald India के अनुसार बताया कि, (आठवीं शताब्दी के आरिफ) निजामुद्दीन औलिया के मकबरे के संरक्षक, सैय्यद काशिफ निजामी के अनुसार दिल्ली में कोरोना के प्रकोप के कारण 700 वर्षों में पहली बार इमाम होसैन (अ0) के ताबूत का प्रतीकका ताज़िया उठाने का समारोह आयोजित नहीं किया जाएगा ।
आशूरा के दिन, इस ताबूत को शहर में घुमाया जाता है, लेकिन इस साल, कोरोना के प्रकोप के कारण, दिल्ली के अधिकारियों ने समारोह को आयोजित करने की अनुमति नहीं दी, और ताबूत को फूलों के साथ सजा कर कर्बला भेज दिया जाएग़ा।
इस समारोह के आयोजकों के अनुसार, इस वर्ष मोहर्रम शोक केवल इमामबाड़ो में लोगों की सीमित उपस्थिति और सामाजिक दूरी के साथ आयोजित किया जाएगा।
दिल्ली में, मुहर्रम शोक समारोह हिंदुओं और मुसलमानों की एकता का प्रतीक है।
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