अंतर्राष्ट्रीय समूह: आले खलीफा शासन, सऊदी अरब की सैन्य,वित्तीय और राजनीतिक समर्थन पर टिका है, जबकि अगर आले सउद का समर्थन ना होता,तो विपक्षी राजनीतिक व्यवस्था को बदल सकते थे.
ईरानी कुरान समाचार एजेंसी(IQNA) जानकारी साइट "आलम"के हवाले से, "करीम Almhrvs" , बहरीनी राजनीतिक कार्यकर्ता ने कहा कि सत्तारूढ़ शासन बहरीन के लोगों की छोटी से छोटी मांग के बारे में कोई परवाह नहीं करता है और दिखावे के विचार विमर्श और सत्य की समिति,जिसे "हमद इब्न इसा आले ख़लीफ़ा बहरीन के राजा बनाया था से मज़ा लेरहा है.
उन्होंने कहाः अल खलीफा शासन की कोशिश है कि जन विरोध प्रदर्शन को एक प्रमुख आपराधिक घटना बताऐ कि बहरीन के लोगों ने उसको अंजाम दिया है और इसलिए सामूहिक सजा के हकदार हैं.
करीम Almhrvs, बहरीनी राजनीतिक कार्यकर्ता,ने अंत में कहा:बहरीनी शासन, अपने विरोधियों के वैध दावों तथा इच्छाओं को उसी तरह अनदेखा कर रहा है और सऊदी अरब के सैन्य, राजनीतिक और वित्तीय समर्थन पर निर्भर करता है, जबकि अगर आले सउद का सहयोग ना होता,तो विरोधियों ने राजनीतिक व्यवस्था को अब तक बदल दिया होता.
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