ईरानी कुरान समाचार एजेंसी (IQNA) के अनुसार, जबकि प्रत्येक वर्ष देड़ अरब मुसलमान शौक़ और लालसा के साथ हज करना चाहते हैं लेकिन केवल ढाई मिल्यून ही लोग हज अदाकरने में कामयाब होते हैं.
जब कि यह बहुत ही महत्वपूर्ण व अधिक अज्र वाली इबादत है लेकिन सोभाग्य से अधिक्तर मुसल्मान ख़रीद व फ़रोख़्त में लगे रहते हैं जो कि मुस्तहब है और इस क़दर सामान ख़रीदते हैं कि बाद में लेजाने पर ऐक समस्या उत्पन्न हो जाती है और ज़ाएर अपने कीमती समय को इबादते ख़ुदा और ख़ानऐ ख़ुदा में गुज़ारने के बजाए बाज़ारों में गुज़ारता है.
इसी कारण ईरानी कुरान समाचार एजेंसी (IQNA) ने अयातुल्ला Makarem शिराज़ी से विशेष रूप से घरेलू बाजार से ख़रीदने के बारे में सवाल किया और पूछा कि " देश की वर्तमान स्थिति जैसे आर्थिक प्रतिबंधों और ईरानी पूंजी व उत्पाद की रक्षा, इसी तरह शियों की हत्या और विश्वभर में शिया सोच व विचारों से मुक़ाब्ला करने में सऊदी अरब की आपूर्ति बाजार से मिलने वाले पैसों का हिस्सा लगाया जाता है को देखते हुऐ ईरानी हाजियों के लिऐ वहां से अधिक सामान व तोहफ़े ख़रीदने का हुक्म किया है?
महामहिम की दृष्ट से आंतरिक बाज़ारों अथवा घरेलू उत्पाद को बढ़ाना, जो कि उन बातों के अलावा ईरानी हज तीर्थयात्रियों के लिऐ अधिक समय मिलने का सबब होगा तो क्या देश से तोहफ़े लेना सऊदी अरब के मुक़ाबिल में वरीयता नहीं है?
अयातुल्ला Naser Makarem शिराज़ी ने इस सवाल के जवाब में कहाः " उचित यह है कि सभी हज तीर्थयात्री अपने तोहफ़े ईरान से ख़रीदें और इस रास्ते से उनकी मदद भी नहीं होगी".
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