IQNA

वलीद मतर की अध्यक्षता में एक प्रतिनिधिमंडल के रूप में;

अल अज़हर के विद्वानों द्वारा हरमे अलवी की ज़ियारत

14:29 - January 31, 2018
समाचार आईडी: 3472235
अंतर्राष्ट्रीय समूह: वलीद मतर की अध्यक्षता में अल-अज़हर विद्वानों का एक प्रतिनिधिमंडल नजफ़ अशरफ़ में इमाम अली (अ.स) के हरम की ज़ियारत के साथ मुत्तक़ियों के मौला और उनके अज़ीम मुक़ाम और अहलेबैत(अ.स.)को श्रद्धांजलि अर्पित की।


अल अज़हर के विद्वानों द्वारा हरमे अलवी की ज़ियारत

अंतर्राष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी (IQNA)के अनुसार,आस्ताने अलवी की न्यूज़ साइट के अनुसार, अल-अज़हर विद्वानों का एक प्रतिनिधिमंडल नजफ़ में हरमे अलवी में उपस्थित होकर, एक आस्ताने अलवी प्रबंधन समिति के अध्यक्ष मोहम्मद रज़्ज़ूक़ी से मुलाकात की और सभी मुसलमानों के बीच भाईचारे की भावना को मजबूत करने की आवश्यकता पर चर्चा की।
अल-अजहर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर वलीद मतर ने कहा, "सर्वशक्तिमान भगवान ने हमें आशीर्वाद दिया और हम इन पवित्र स्थानों की ज़ियारत में सफल हुए, कि हमेशा सपना देख रहे थे कि ज़ियारत करें।
उन्होंने इस बयान के साथ कि भगवान ने इन पवित्र स्थलों को ऐसे देश में रखा जो हमारे दिलों के महबूब हैं कहाः कि पैगंबर के बाद भगवान की बेहतरीन सृजन, इमाम अली (अ.स) और इमाम हुसैन (अ.स) और अहलेबैत (अ.स) के कई लोगों इराक में हैं।
वलीद मतर ने कहा, "हम अपने शिया भाइयों के साथ मिलने के लिए जिनके लिए हमारे दिलों में बहुत प्यार और स्नेह है इस पवित्र रौज़े में आए हैं।
दूसरी ओर, यूसुफ रवाब, मिस्र "वज्हतुल हक़" मीडिया और विकास संस्थान के निदेशक ने भी इस बयान के साथ कि इमाम अली अमीरुल मोमनीन (अ.) की तीर्थयात्रा का लक्ष्य अल अज़हर के विद्वानों और हौज़ऐ इल्मियह नजफ़ के उलमा व इराक़ी धार्मिक मरजईय्यत के बीच संबंधों को बनाना है स्पष्ट कियाःयदि सै.सीस्तानी का फ़त्वा न होता तो कई अरब राजधानियां एक के बाद एक गिर गई होतीं, लेकिन इस फ़तवे की बरकत से दाइश का काम समाप्त हो गया।
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