अफगानिस्तान "दीद" समाचार एजेंसी के अनुसार IQNA की रिपोर्ट, यह बैठक अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन में आयोजित की गई थी और ब्रिटिश, स्वीडिश और फिनिश राजदूतों ने भी भाग लिया था।
बैठक के दौरान, अफ़ग़ान राष्ट्रपति और संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिनिधि तदामची यामामोटो ने शांति वार्ता की प्रक्रिया, राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका और उपस्थिति पर चर्चा की।
यामामोटो ने बैठक में कहा, " अफ़ग़ान सरकार को शांति वार्ता, बातचीत और बैठकों में महिलाओं की भागीदारी का समर्थन करना चाहिए।"
अफ़ग़ान राष्ट्रपति मोहम्मद अशरफ़ ग़नी ने भी पिछले पांच वर्षों में सरकार की सभी स्तरों पर महिलाओं की उपस्थिति के बारे में देश की प्रतिबद्धता के बारे में भी बात की और पहली महिलाओं की लोया जिरगा आयोजित करने की सरकार की पहल को याद किया।
उन्होंने इस तथ्य का भी उल्लेख किया कि लोया जिरगा (अफगानिस्तान की शांति: ग्रैंड ट्राइबल असेंबली) की तीस सदस्य महिलाएं हैं, और जारी रखते हुऐ बताया: इस जिरगे की अधिकांश समितियों की ज़िम्मेदार महिलाएं हैं।
अशरफ़ ग़नी ने दूतावासों और संयुक्त राष्ट्र में अफ़गान प्रतिनिधिमंडल सहित विभिन्न मंत्रिमंडलों और कार्यालयों में महिलाओं की व्यापक उपस्थिति की ओर इशारा करते हुऐ कहाः सरकार विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की भूमिका को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।
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