IQNA की रिपोर्ट, नेशनल पोस्ट के हवाले से,मार्च के आयोजकों में से एक, हिकेल हसन ने कहा, इस रैली का मुख्य संदेश यह है कि इंडोनेशिया को एकता की आवश्यकता है ता कि कुछ समय पहले हुए मतभेदों और तनावों को भूल जाऐं।
जकार्ता के पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि मार्च में 12000 से अधिक लोग शामिल हुए, हालांकि रैली के आयोजकों ने कहा कि भीड़ बहुत अधिक थी।
इंडोनेशिया में अप्रैल के चुनाव में जोको विडोडो के राष्ट्रपति होने के कारण रूढ़िवादी मुसलमानों के विरोध से दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम-बहुल देश में धार्मिक मतभेदों के गहरा होने की चिंता का सबब बन गई है।
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