इकना ने फिलिस्तीन टुडे समाचार वेबसाइट के अनुसार बताया कि;, विरोध में भाग लेने वालों ने फ्रांस में पैगंबर के अपमान और इस संबंध में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन की बातो की निंदा करते हुए नारे लगाए।
प्रतिभागियों ने फिलिस्तीन और जिहादियों को कब्जे में लेने वालों से मुक्ति दिलाने का आह्वान भी किया।
आज, हजारों फिलिस्तीनी नमाज़ी अल-अक्सा मस्जिद में प्रवेश करने में सक्षम थे और इजरायली कब्जे वाली सेनाओं द्वारा बनाई गई लोहे की बाधाओं को हटाने के बाद मुबारक मस्जिद में शुक्रवार की नमाज अदा किया।
सर्वोच्च इस्लामिक काउंसिल के प्रमुख और अल-अक्सा मस्जिद के उपदेशक शेख अकरमा साबरी ने आज शुक्रवार के नमाज़ के उपदेश में कहा: कि "हम साज़िश करने वाले और देशद्रोहियों से इस मेअराज की भूमि पर बराअत करते हैं।
उन्होंने कहा: "फ्रांस के राष्ट्रपति ने पैगंबर (PBUH) के पवित्र मकाम के अपमान का समर्थन करते हुए, दुनिया में मुसलमानों के साथ अपनी दुश्मनी को सार्वजनिक किया है और वह हिंसक कृत्यों के लिए जिम्मेदार हैं।
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