लंदन में इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन फॉर ह्यूमन राइट्स (IHRC) के अनुसार, इस इस्लामी संगठन ने मंगलवार को अरबईन रोडमैप में प्रतिभागियों पर नाइजीरियाई पुलिस द्वारा अकारण हमले की निंदा की।
राजधानी अबुजा में हुसैनी मातम मनाने वालों की शांतिपूर्ण रैली पर पुलिस के हमलों में आठ लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए।
वार्षिक अरबईन समारोह के अंत में तितर-बितर होरहे शिया मुसलमानों पर पुलिस ने गोलियां चला दीं।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर चाकुओं, डंडो और आंसू गैस से हमला किया।
इस एसोसिएशन ने कहा कि उसके पास घटना के पीड़ितों और नाइजीरियाई पुलिस द्वारा नागरिकों के साथ क्रूर व्यवहार दिखाने वाली तस्वीरें और वीडियो हैं। साथ ही उस दिन करीब 60 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें ज्यादातर महिलाएं थीं।
अरबईन और आशूरा मार्च पूरे नाइजीरिया में ४० वर्षों से आयोजित किए जा रहे हैं, लेकिन हाल के वर्षों में सरकारी बलों द्वारा क्रूर हमले किए गए हैं। खासकर जब सरकार ने नाइजीरियाई इस्लामिक मूवमेंट और उसके नेतृत्व पर जिसने रैलियों का आयोजन किया अपनी कार्रवाई तेज कर दी हैं।
2016 के बाद से, आंदोलन के खिलाफ़ पुलिस और सरकारी भाड़े के सैनिकों द्वारा व्यवस्थित हमले तेज हो गए हैं, सैकड़ों लोग मारे गए हैं और इस्लामी आंदोलन के समर्थकों से संबंधित कई संपत्तियों को नष्ट कर दिया है।
इस्लामिक मूवमेंट के नेता शेख़ इब्राहिम ज़कज़ाकी और उनकी पत्नी को हाल ही में नाइजीरियाई अधिकारियों ने पांच साल की अवैध हिरासत के बाद रिहा कर दिया है।
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