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मानव त्रासदी के कगार पर अफ़गानिस्तान : यूएन

13:40 - November 19, 2021
समाचार आईडी: 3476693
तेहरान(IQNA)संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि अफ़गानिस्तान में स्थिति मानवीय तबाही के कगार पर है।
अफ़गानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत डेबोराह लाइन्स ने कहा है कि सर्दी शुरू होने के साथ ही अफ़गान लोगों की दुर्दशा बढ़ गई है और जान जाने का खतरा है।
 
डेबोरा लाइन्स ने कहाः कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को स्थिति के बारे में जानकारी दी है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय और क्षेत्र के देशों से अफ़गानिस्तान को सहायता जारी रखने का आह्वान किया था।
 उन्होंने कहा, तालिबान के सत्ता में आने के बाद, अफ़गान लोगों को लगता है कि उन्हें भुला दिया गया है और उन्हें उस अपराध के लिए दंडित किया जा रहा है जो उन्होंने नहीं किया। अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत ने कहा कि अफगान लोगों को यह महसूस करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए कि तालिबान के प्रभुत्व के कारण उन्हें अंतर्राष्ट्रीय समुदाय या उसके सदस्य देशों द्वारा भुला दिया गया है।
उन्होंने कहा, "हमारे पास इस संकट को टालने की क्षमता है।" उन्होंने आईएसआईएस के साथ प्रतिस्पर्धा करने की तालिबान की क्षमता पर सवाल उठाते हुए कहा कि तालिबान की ताकत और ऊर्जा आईएसआईएस के खिलाफ लड़ाई और चरमपंथ पर काबू पाने में संदेह है।
अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत ने प्रतिबंधों को अफगानिस्तान में मानवीय संकट का मूल कारण बताते हुए कहा कि संकट को अभी भी टाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रतिबंधों ने अफगानिस्तान की बैंकिंग प्रणाली को पंगु बना दिया है और देश की अर्थव्यवस्था दिवालिया होने के कगार पर है।
 
दूसरी ओर, संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) ने एक रिपोर्ट में कहा है कि इस साल सितंबर और अक्टूबर के दौरान 19 मिलियन अफगान, यानि 47% अफगान आबादी ने गंभीर खाद्य असुरक्षा का अनुभव किया है। इस बीच, तालिबान के विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी कांग्रेस को लिखे पत्र में संयुक्त राज्य में रोकी गई अफ़गान संपत्ति की बहाली की मांग की है।
 
संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके सहयोगी 20 साल के युद्ध, हत्या, अस्थिरता और अस्थिरता के बाद अफगानिस्तान से अचानक हट गए हैं। अफ़ग़ानिस्तान के अधिकांश लोग अपने देश की वर्तमान स्थिति को विफल अमेरिकी नीतियों का परिणाम बता रहे हैं।
स्रोतःअहले बैत (अ.स) समाचार एजेंसी

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