रोहिंग्या मुसलमानों के अनुसार उनके विरुद्ध नफ़रत फैलाने और उनके दमन के समय हिंसा को हवा देने का आरोप लगाया है। आरोप में कहा गया है कि फेसबुक की लापरवाही के ही कारण रोहिंग्या मुसलमानों का जनसंहार संभव हुआ।
याद रहे कि म्यांमार की सेना के हिंसक व्यवहार और रोहिंग्या मुसलमानों को दी जाने वाली यातनाओं के कारण लाखों रोहिंग्या मुसलमानों ने, अपना घरबार छोड़कर पड़ोसी देश बांग्लादेश में शरण ले रही है जहां पर वे बहुत ही विषम परिस्थितियों में जीवन गुज़ार रह हैं।
म्यांमार की सरकार इस देश में रहने वाले रोहिंग्या मुसलमानों को अपना नागरिक स्वीकार नहीं करती। इनको म्यांमार से निकालने के लिए म्यांमार की सरकार ने सुनियोजित ढंग से रोहिंग्या मुसलमानों के विरुद्ध हिंसक कार्यवाही की।
संयुक्त राष्ट्रसंघ की रिपोर्ट के अनुसार म्यांमार की सेना और सुरक्षाबलों ने जातीय सफाए को आधार बनाकर रोहिंग्या मुसलमानों पर हमले किये। बताया जाता है कि म्यांमार की सेना, वहां सुरक्षाबलों और अतिवादी बौद्धो के हमलों में हज़ारों रोहिंग्या मुसलमान मारे गए और लाखों अपने देख से भागने पर विश्व हुए
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