इंटरनेशनल कुरान न्यूज एजेंसी (IQNA) ने sharkiatoday के अनुसार बताया कि 60 वर्ष के एक मिस्री हाज अब्दुल्ला अली मोहम्मद अबुलग़ैज़ जो अचानक बीमार हुआ तो एक डॉक्टर के पास ग़या तो उसने सलाह दी कि वोह कुरान की तिलावत करे।
हाज अब्दुल्ला ने कहा: कि "अचानक बीमारी की वजह से इलाज के लिए ग़या तो डॉक्टर ने सलाह दी कि मेरा इलाज पवित्र कुरान की तिलावत है।
उन्होंने आगे कहा: कि अधिक पढ़े ना होने की वजह से दो मरतबा कुरान की किताबत कि और तीसरी बार लिख रहे हैं जिसको विशेषज्ञ जांच कर रहे हैं।
यह बूढ़ा आदमी पवित्र कुरान को लिख़ने के बारे में कठिनाई के बारे में बताया और कहा कि इस से ज़ेहन में बैठ जाता है।