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अल अजहर विश्वविद्यालय के धार्मिक शिक्षा से संबंधित दोहरे दृष्टिकोण की आलोचना

17:40 - September 19, 2014
समाचार आईडी: 1451425
इंटरनेशनल ग्रुपः शेख अहमद Crimea, अल अजहर विश्वविद्यालय से निकाले गऐ प्रोफेसर ने, फिक़्ह और इस्लामी धार्मिक शिक्षाओं के शिक्षण में विश्वविद्यालय के दोहरे दृष्टिकोण की आलोचना की.

अंतर्राष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी (IQNA), शेख अहमद Crimea ईरान की अपनी हाल की यात्रा के बाद "Wael Alabrashy" मिस्र के पत्रकार के साथ एक साक्षात्कार में कहाःजिसे समाचार साइट "अलयौमुस साबे" मिस्र ने इस साक्षात्कार के कुछ अंशों को जारी किया है.
उन्हों ने अल अजहर अधिकारियों की इबाज़ी धर्म (Khawarij) को पढ़ाने पर सहायता प्रदान करने और ऐन हाल शिया धर्म से संबंधित बे वजह संवेदनशीलता पर आलोचना की.
इस मिस्र अल अजहर विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर, जो हाल की ईरान यात्रा से काफी विवाद में फंस गऐ और अल अजहर में पढ़ाने से निलंबित कर दिया गया ने कहा,मैं वर्षों से इबाज़ी धर्म(बचे हुऐ ख़्वारिज)को जब कि इस धर्म की इस्लामी मान्यताओं के साथ मुख़ालिफ़त है पढ़ाता रहा और किसी ने उस पर आलोचना नहीं की.
उन्होंने कहा, मैं ने इसी तरह छह साल तक अल अजहर विश्वविद्यालय की ओर से औपचारिक रूप से इबाज़ी धर्म पढ़ाने के लिए सुल्तान नशीन देश ओमान में नियुक्त किया गया और इस धर्म में सैद्धांतिक और धार्मिक त्रुटियों के बावजूद ओमान में इस धर्म को सिखाता रहा.
शेख अहमद Crimea ने आगे कहा: "हैरत की बात यह है कि अजहर के वर्तमान उपाध्यक्ष ने भी दस साल तक ओमान में इबाज़ी धर्म पढ़ाने के लिए रहे और मोहम्मद मुख्तार जुमा मिस्र के करंट अवक़ाफ मंत्री भी छह साल के लिए हमारे साथ इबाज़ी धर्म को ओमान में पढ़ाते रहे".
इबाज़ी बचे हुऐ ख़्वारिज हैं कि इमाम अली (अ.स) ने अधिकतर को उन में से जंग नहरवान दबा दिया था, लेकिन आगे चल इन लोगों ने अपने खुद के वैचारिक सिद्धांतों  को गढ़ लिया और एक स्वतंत्र संप्रदाय के रूप में बना लिया और ओमान केवल ऐसा देश है जहां आधिकारिक धर्म इबाज़ी है.
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