अंतर्राष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी (IQNA)वेबसाइट "अलमोजिज़" के अनुसार, ईद यूसुफ ने इस बारे में कहा: धार्मिक ना आधार पर टीवी और सिनेमा फिल्मों में नबियों के चेहरे को दिखाना जायज नही है.
अल अजहर फतवा समिति के महासचिव ने फिल्मों और टीवी में नबियों और पैग़म्बरों के व्यक्तित्व को पेश करने करने से परहेज़ करने की मांग की और कहा, "फिल्मों में केवल नबियों के मिशन को प्रस्तुत करना चाहिए, न कि उनके व्यक्तित्व को".
मिस्र में फिल्मों में नबियों का चेहरा दिखाना या छिपाना एक विवादास्पद मुद्दा बन गया है और पक्ष और विपक्ष इस बारे में अपनी विशेष टिप्पणी रखते हैं.
इससे पहले जाबेर उस्फ़ूर, मिस्र के संस्कृति मंत्री ने इस मुद्दे के समर्थकों में से एक ने घेषणा की कि फिल्मों में नबियों के चेहरा प्रदर्शित करने की अनुमति देंगे और यह बात इस्लामी उसूलों के साथ असंगत नहीं है.
उन्होंने इसी तरह इस बयान के साथ कि अल अज़हर की स्थित नबियों का चेहरा ना दिखान के बारे में मुस्लिम ब्रदरहुड और Salafist से प्रभावित है यह कहाः कि अजहर केवल एक धार्मिक संस्था है जिसे सिफारिश करनी चाहिए न कि, कुछ और.
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