अंतर्राष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी (IQNA) इस्लामी संस्कृति और संबंध संगठन के जनसंपर्क कार्यालय के हवाले से, कुरान, सुलेख, फारसी भाषा और साहित्य के नए चरण के शिक्षण का उद्घाटन समारोह, मोहम्मद अकबरी, रावलपिंडी में ईरान के सांस्कृतिक परामर्श और इसी तरह कुछ छात्रों व फ़ारसी भाषा के शिक्षकों की उपस्थित के साथ रावलपिंडी में ईरानी संस्कृति हाउस में 25 अक्टूबर को आयोजित किया गया.
समारोह के शुरू में ईरान के सांस्कृतिक परामर्श ने फ़ारसी भाषा और साहित्य, मुस्लिम दुनिया की एकता और अखंडता, ईरान व पाकिस्तान की सांस्कृतिक विरासत की पहचान के प्रसार करने और इसी तरह दोनों देशों की सांस्कृतिक संस्थाओं के बीच आपसी सांस्कृतिक संबंधों में विकास की ओर इशारा किया और कहाः यह उद्देश्य कारण बनेंगे कि छात्रों, विशेष रूप से फ़ार्सी सीखने वाले छात्र इस अवसर का इस्तेमाल करेंगे और अपने ज्ञान को मजबूत करने के लिए इस अवसर का लाभ लेने के साथ इन लक्ष्यों की सेवा के लिए भी प्रभावी होंगे.
मुज़फ़्फ़ अली कश्मीरी इस्लामिक विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और रावलपिंडी में ईरानी संस्कृति हाउस में फारसी भाषा और साहित्य के प्रोफेसर ने इस ओर इशारा करते हुऐ कि फ़ार्सी भाषा ईरान और पाकिस्तान की सांस्कृतिक विरासत है, कहाः कि फ़ार्सी भाषा और साहित्य दोनों देशों के बीच एक कामन संस्कृति है और सुन्नियों और शियोंकी अधिकतम प्रामाणिक धार्मिक पुस्तकें फ़ार्सी में लिखी गई हैं जैसे सही बुख़ारी, सही मुस्लिम, निसाई और इन जैसी अन्य और इसी तरह सिहाय सित्तह जो अरबी भाषा में लिखी गई हैं, इनके लेखक जैसे इमाम Ghazali, इमाम निसाई और अन्य, ईरानी और फारसी ज़ुबान थे.