ईरानी कुरान समाचार एजेंसी(IQNA)मिस्र में प्रकाशित अखबार 'यौमुस्साबे" के हवाले से,पांडुलिपियों के बीच कुरान की पहली पांडुलिपि जो 1972 में साना की जामे मस्जिद (यमन में बनाई गई पहली मस्जिद) में खोजी गई थी और अब यह मूल्यवान पांडुलिपि साना की ग्रांड मस्जिद में सुरक्षित है.
यह कुरान की पांडुलिपि सातवीं या आठवीं शताब्दी CE की बताई जाती है और पांडुलिपियों के विशेषज्ञों ने उस को पैगंबरे इस्लाम की मृत्यु के 70 वर्षों बाद से संबंधित बताते हैं.
1972 ई. में साना की जामे मस्जिद जो कि यमन के इतिहास में पहली मस्जिद है कई पांडुलिपियां,कि उनमें से कुछ कुरान नहीं थीं इत्तेफ़ाक़ी तौर पर पाई गईं,इन पांडुलिपियों को उन कार्यकर्ताओं ने जो मस्जिद की दीवार की मरम्मत कर रहे थे मस्जिद की पुरानी दीवार में जो कि पैगंबर (PBUH) की हिजरत के बाद छठे वर्ष बनायी गयी थी,पाया था चूंकि पांडुलिपि की प्रतियां बेतरतीब ढंग से और अलग अलग थीं उन को मस्जिद के मिंबर के नीचे ऐक थैली में कर के ऱख दिया था.
इस्माइल Alakv यमन के प्राचीन आसार के प्रमुख,को जब इस मुद्दे के बारे में पता चला तो इस महत्वपूर्ण और बहुमूल्य पांडुलिपियों की खोज शुरू की, और इन आसार के रखरखाव व सुरक्षा के लिए जर्मन पुरातत्वविदों के एक समूह को जो अरबी लिपि और कुरान के पुराने लेख में विशेषज्ञ थे इन कार्यों की मरम्मत के लिऐ 1979 में आमंत्रित किया.
दरअसल, वह लोग जिन्हों ने अभी तक दावा किया था कि इतिहास में कुरान में परिवर्तन किया गया है इस पांडुलिपि को देख समझ गऐ कि इतिहास में बिना परिवर्तन के कुरान बाक़ी रहा है.
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