अंतर्राष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी (IQNA) समाचार साइट«स्काई समाचार» के हवाले से,फ़ैयाज़ मुग़ल, प्रवेक्षक संगठन की निदेशक कहते हैं,हमारी रिपोर्ट बताती है कि पिछले दो वर्षों से मुस्लिम महिलाऐं, ग्रेट ब्रिटेन (Tell Mama) इस्लामोफोबिया के हमलों का अधिक और स्ख़्त शिकार हुई हैं.
उन्होंने कहा कि पिछले 18 महीनों में मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ नफरत से पैदा अपराधों की संख्या में 5 से 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है अधिकतम यह हमले पुरुषों द्वारा शारीरिक और मौखिक किऐ जाते हैं.
यास्मीन खालिद, शहर Bramzgrv" ब्रिटेन की 21वर्षीय मुस्लिम महिला, महिलाओं में से एक है जो इस्लामोफोबिया के हमलों का शाना बनी है वह कहती है ऐक कि 30 विभिन्न हमलों में से जो उसके खिलाफ किऐ गऐ केवल 2 की सूचना दी रही है.
यास्मीन खालिद कहती है,जैसे मुझे देखते मुतवज्जह होजाते हैं कि मैं एक मुसलमान हूँ और मझे अपमानित करते और आतंकवादी और तालिबान का सदस्य कह कर बुलाते जब मैं उनकी ओर से गुजरती हुं अपमानित किया जाता है,एहसास है कभी कभी मैं जवाब देती हूं और कभी केवल रोती हूं -कभी मैं खुद को छिपा लेती हूं और रो लेती हूं क्योंकि मुझे नहीं पता कि क्या करूं.
यास्मीन उन दर्जनों मुस्लिम महिलाओं में से सिर्फ एक है जो तेजी से फैल रहे इस्लामोफोबिया से लक्षित है.
रिपोर्टों के अनुसार, ब्रिटिश लोग मुसलमानों के बारे में सबसे बुरी दृष्टि रखते हैं देश की आबादी का लगभग 3 प्रतिशत मुसलमान हैं.
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