IQNA

शेख अल अजहर:

धार्मिक अतिवाद कुरान और सुन्नत की गलत व्याख्या का परिणाम / शैक्षिक कार्यक्रमों में सुधार की जरूरत है

19:30 - February 23, 2015
समाचार आईडी: 2888170
अंतर्राष्ट्रीय समूह: अहमद अल-तय्यब,ने उग्रवाद और धार्मिक अतिवाद को कुरान और सुन्नते नबवी की गलत व्याख्या करने का कारण बताया और इस्लामी समाजों में मदरसों के शैक्षिक कार्यक्रमों में सुधार की जरूरत पर बल दिया.

अंतरराष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी (IQNA), वेबसाइट "अल यौमुस्साबेअ" के हवाले से, अहमद अल--तय्यब, अल-अजहर के शेख,ने कल 22 फ़वरी शाम को, मक्का में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन "इस्लाम और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई' के उद्घाटन समारोह में संबोधित करते हुए कहाः इस तरह के सम्मेलनों का आयोजित किया जाना जो कि आतंकवादी कार्रवाइयों की निंदा करने के लिऐ होते हैं उचित और बर महल हैं इस लिऐ कि कई अरबी देश वर्तमान में आतंकवाद के साथ लड़ रहे हैं.
उन्हों ने कहाः धार्मिक अतिवाद कुरान और सुन्नत की गलत व्याख्या का परिणाम है जब तक हम इस व्याख्या पर अपने मदरसों व यूनिवर्सिटयों में क़ाबू नहीं करते यह गलत तफ़्सीरें मुसल्मानों के धर्म से निकलने का कारण होगा और वह आशा की किरन कि उम्मते इस्लामियह ऐक जुट हो कभी नहीं पूरी हो पाऐगी.
शेख अजहर आतंकवादियों की कार्रवाई की आलोचना करते हुऐ कहाः उन लोगों ने कुरान और पैगंबर की सुन्नत (PBUH) को पीछे कर दिया और क्रूर कार्यों को अन्जाम दे रहे हैं.
अहमद अल--तय्यब,ने आगे उग्रवाद और धार्मिक अतिवाद को रोकने के लिऐ मदरसों के शैक्षिक कार्यक्रमों में सुधार की जरूरत पर बल दिया और इस्लामी देशों से अनुरोध किया कि अपने स्कूलों के शैक्षिक कार्यक्रमों में सुधार लाऐं.
अहमद अल- तय्यब,नेइसी तरह इशारा करते हुऐ कि इराक, सीरिया और अब लीबिया में भी दाअश ने प्रवेश किया है कहाः आतंकवादी समूहों कि हिंसक कार्रवाई कर रहे हैं की निंदा की जाती है.
शेख अल अजहर ने इसी तरह एक बार फिर से इस्लामी अतिवाद को यहूदियों के साथ एकजुट वैश्विक उपनिवेशवादियों का नया षड्यंत्र बताया कि इसके करने वाले लोग मुस्लिम दुनिया में मौजूदा धार्मिक तनाव से लाभ उठा रहे हैं.
शेख अल अजहर, मिस्र ने कहा: आतंकवादियों के दिल से दया और रहम बाहर हो गया और उनके दिल कठोर पत्थर में बदल गऐ हैं। भगवान, पैगंबर (PBUH) और सभी मोम्नीन आतंकवादियों के अमानवीय कृत्यों से दूरी का इज़हार करते हैं.
उन्हों ने अपने भाषण के दूसरे भाग में आतंकवादी समूहों के अपराधों की ओर इशारा किया और कहाः कि आतंकवादी बेगुनाह लोगों को ज़िन्दा जला देते हैं या उनके सर क़लम कर देते हैं यह हिंसक कार्रवाईयां लोगों के बीच भय पैदा करने के लिए की जाती हैं.
शेख अल अजहर ने अंत में कहाःऐक शख़्स जिसने इन अपराधों को समाजी नेटवर्क पर देखा था मेरे लिऐ बयान किया कि आतंकवादी इन्सानों के सरों को काटते समय बहुत आवाज़ से हंसते हैं और गेंद की तरह उनसे खेलते हैं.
अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन "इस्लाम और आतंकवाद से लड़ाई" की गतिविधियां कल 22 फ़रवरी शाम, को वर्ल्ड इस्लामिक एसोसिएशन द्वारा मक्का में शुरू हुआ और 25 तक जारी रहेगा.
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