अंतरराष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी (IQNA)जानकारी वेबसाइट "अलमूजिज़" के अनुसार, अहमद तय्यब ने कल, 28 अप्रेल को संयुक्त अरब अमीरात के अबू धाबी में "मुस्लिम समाज में शांति को मजबूत बनाने" पर दूसरी अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में एक भाषण के दौरान कहाः मुस्लिम समुदाय को इस्लामी विरासत की कुछ अवधारणाओं में ऐक ईमानदाराना नज़र व समीक्षा की जरूरत है और उसका युवा लोगों के सामने बयान किया जाना उनको सशस्त्र समूहों के मुक़ाबले में बचाया जा सकता है.
शेख अल अजहर ने पहले और आखिरी अधिकारी के रूप में धार्मिक प्रवचन पर मीडिया के हमलों से दाइश और इसी तरह के समूहों के वजूद में आने पर आलोचना की और इन मीडियाई हमलों को बहुत हलका बताया.
उन्होंने अपने बयान में नैतिक और बौद्धिक मुद्दों के सिद्धांतों और धर्म के सिद्धांतों को समझने में बौद्धिक व वैचारिक चिंताओं से युवाओं को बाहर लाने के लिए एक स्पष्ट सामरिक दृष्टि पर सहमत की मांग की.
अहमद तय्यब, ने इस्लाम धर्म को दया और प्रेम का धर्म बताया और उन पुस्तकों और पत्रिकाओं को जिन्हें सशस्त्र समूहों द्वारा प्रकाशित किया जा रहा है जब्त करने की आवश्यकता और उनकी सामग्री के रद्द किऐ जाने पर भी जोर दिया.
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