IQNA

ताजिकिस्तानी राष्ट्रपति के सलाहकार:

कुरान और हदीस की अपनी व्याख्या ने युवा लोगों को अतिवाद के जाल में फंसा दिया है

16:57 - June 20, 2015
समाचार आईडी: 3316504
विदेशी विभाग: ताजिकिस्तानी राष्ट्रपति के सलाहकार ने, देश में चरमपंथ से लड़ने की जरूरत पर जोर देने के साथ कहाः अनजान विद्वानों द्वारा कुरान और हदीस की ग़लत व्याख्या युवाओं को अतिवादी आंदोलनों से जुड़ने का कारक है.

अंतर्राष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी (IQNA) ताजिकिस्तान में ईरानी सांस्कृतिक परामर्श के अनुसार, अब्दुल रहमान अफ़, ताजिकिस्तानी राष्ट्रपति के सलाहकार ने, Salafis और चरमपंथियों के खिलाफ धार्मिक और धर्मनिरपेक्ष विद्वानों की कम गतिविधियों की आलोचना की.
रहमान अफ़ ने कल, 19जून, को ताजिकिस्तान में "Salafi उग्रवाद, धर्मनिरपेक्ष सरकार और राष्ट्रीय पहचान के संरक्षण के मुद्दों" पर  एक बैठक में बात की और देश के विद्वानों को आमंत्रित किया कि चरमपंथियों का जवाब दें.
उन्होंने कहा कि अधिकारियों के सामने जो कि देश में चरमपंथ को रोकने के लिए कोशिश कर रहे हैं आज समय आ गया है विद्वानों को भी इस क्षेत्र में सक्रिय होजाना चाहिऐ.
रहमान अफ़ ने ताजिक विद्वानों को आमंत्रित किया कि उन बातों का जो हनफ़ी मज़हब और धर्म और ताजिकिस्तान की सरकार के विरोध में लिखी जारहीं हैं हनफ़ी मज़हब और इस्लाम धर्म और सरकारी नीति के नजरिए से जवाब दें.

रहमान अफ़ ने चिंता व्यक्त की कि ताजिकिस्तान में कुछ अज्ञानी विद्वान हदीस और कुरान की गलत व्याख्या करते हैं और यह बात इस्लाम से अनभिज्ञ युवा लोगों के क्रांतिकारी आंदोलनों में रूपांतरण होने का कारण हो रहा है.

अब्दुल जब्बार रहमान अफ़ ने कहाः ताजिकिस्तान में अतिवाद को जड़ से उखाड़ देने के लिए आवश्यक है कि मस्जिदों में मौलवी हज़रात इस तरह की घटनाओं के जोखिम का स्पष्टीकरण करें.
3316188

captcha