इंग्लैंड के इस्लामिक सेंटरों की आयतुल्लाह क़ासिम के ट्रायल के परिणामों के बारे में चेतावनी
अंतर्राष्ट्रीय कुरान समाचार ऐजेंसी(IQNA) Shafaqna के अनुसार,इन संगठनों ने इस बयान के साथ कि आयतुल्लाह क़ासिम का ट्रायल शियों,उनके धार्मिक स्थलों और प्रतीकों का खुलेआम हनन है कहाः शेख Qassem का ट्रायल संविधान और इस्लामी शरीयत की दृष्ट से कोई वैधता नहीं रखता है।
इस बयान में इल्मी मदारिस, कानूनी और धार्मिक संस्थाओं और दुनिया तथा अरबी और इस्लामी देशों में प्रभावशाली शख़्सीयतों और मानवाधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता संगठनों से आग्रह किया गया है कि बहरीनी सरकार को सलाह प्रदान करने में अपने कानूनी और नैतिक दायित्व को पूरा करें तथा इस देश को शेख़ क़ासिम और शिया जनजाति को लक्षित क़रार देने को बंद करने की दावत दें।
अयातुल्लाह क़ासिम की रक्षा में कानूनी स्थिति पर शेख़ अली सलमान द्वारा पूर्ण समर्थन
दूसरी ओर, शेख़ अली सलमान, प्रतिबंधित जमीअते अलवेफ़ाक़ बहरीन के महासचिव, ने भी बहरीन में उच्चतम धार्मिक अधिकार के रूप में आयतुल्लाह शेख़ ईसा क़ासिम, के बचाव में धार्मिक अधिकारियों द्वारा जारी कानूनी स्थिति का पूर्ण समर्थन किया और उस पर बल दिया है।
उपग्रह नेटवर्क "Allvlvh" की जानकारी साईट के हवाले से इस रिपोर्ट के आधार पर शेख़ सलमान जो बहरीन में लोकतंत्र के पक्ष में अपने विचारों के कारण हिरासत में हैं, एक फोन कॉल में जोर देकर कहा कि आयतुल्लाह शेख़ ईसा क़ासिम को निशाना बनाने का मतलब शिया समूहों को लक्षित करना है।
इरादा है कि सत्तारूढ़ बहरीनी शासन की अदालतें अगले रविवार को आयतुल्लाह शेख़ ईसा क़ासिम के खिलाफ अपना आदेश जारी करें।