ما فَتَحَ اللّه ُ عز و جل على أحدٍ بابَ مسألةٍ فَخَزنَ عَنهُ بابَ الإجابةِअल्लाह (अज़.):ने किसी के सामने सवाल (दुआ)का दरवाज़ा नहीं खोला,कि क़ुबूलीयत के दरवाजा उसके सामने बंद हो।बिहार अल अनवार, वॉल्यूम। 75, पृ। 113.download main size