काश मैं भी "गुमनाम" शहीद हूं
अंतरराष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी(IQNA) राजनीतिक और मीडिया नुजबा कार्यालय ईरानी प्रतिनिधित्व के हवाले से, इस्लामी प्रतिरोध "नुजबा" इराक के महासचिव ने 26 जून को ईद अल-फ़ित्र के अवसर पर शहीदों के परिवारों से मुलाकात की और उन लोगों से मोहब्बत व हमदर्दी का इज़्हार किया।
"शेख अकरम अल Kaabi ' ने इस मुलाक़ात में मुस्लिम दुन्या की इस बड़ी ईद की बधाई देते हुऐ कहाः शहीदों ने दृढ़ संकल्प और विश्वास के साथ, अपने देश और मुक़द्दसात की रक्षा में बड़ा बलिदान दिया।
उन्होंने कहा यह शहीद थे जो अपनी जानों को क़ुर्बान करके दुश्मन की भयावह योजनाओं को कि इस्लामी उम्माह को नुकसान पहुँचाने का प्रयास कर रहा था धराशायी कर कर दिया।
हशदश्शाअबी इराक के इस प्रमुख कमांडर ने इस बायान के साथ कि शहीदों का ख़ून आतंकवाद को हराने का सबब हुआ है प्रकाश डालाःइन ख़ूनों की ताक़त थी कि पड़ोसी देशों में आतंकवादियों के प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी।
शेख अकरम अल Kaabi ने कहा,यह पवित्र रक्त मुक़द्दसात की रक्षक और इस्लाम की जीत का का कारण है कि इसकी निरंतरता, सुरक्षा की नवेद देती है।
उन्हों ने अपने सैनिकों के उच्च मनोबल के लिए अहलेबैत (अ.स) की मदद बताया और कहा: जो कुछ इराक में होरहा है इमाम हुसैन (अ.स) की क्रांति के कारण है।
नुजबा प्रतिरोध के महासचिव ने इस्लाम के शहीदों उच्च स्थान पर ईर्ष्या के साथ आशा व्यक्त की: मैं भी उम्माद करता हूं कि एक दिन एक गुमनाम शहीद के रूप में शहीद होजाऊं।