रोहिंग्याई बच्चों की हत्या पर ब्यापक वैश्विक विरोध प्रदर्शन
अंतरराष्ट्रीय कुरान समाचार ऐजेंसी(IQNA) की रिपोर्ट स्वतंत्र समाचार पत्र के अनुसार, रोहिंगिया मुस्लिमों की अधिकतम संख्या हिंसा और नरसंहार के कारण जो हाल के दिनों में तेज हो गई हैं बांग्लादेश को भाग रहे हैं, हालांकि उन्हें पता है कि इस यात्रा का अंत भी अज्ञात है।
साक्षात्कारकर्ता गवाहों के अनुसार, हाल में दमन में, सैन्य बलों और बौद्ध सैन्यकर्मियों ने बच्चों के सर काट दिऐ हैं और नागरिकों को जीवित जला दिया है, और इस देश में रोहिंग्या मुस्लिम अल्पसंख्यक का नरसंहार जारी है।
कहा जाता है अकेले पिछले हफ्ते ही, रोहंग्याई मुस्लिमों पर हिंसा में तेज़ी आने के बाद 60,000 लोगों को म्यांमार के पश्चिम सीमा आंसूई में बांग्लादेश में रखा गया है।
बर्लिन में प्रदर्शन
इस बीच, बर्लिन की राजधानी जर्मनी में सैकड़ों लोगों ने म्यांमार में रोहिंग्याई मुसलमानों के नरसंहार के खिलाफ बर्लिन में इस देश के दूतावास के सामने विरोध किया।
प्रदर्शनकारियों ने म्यांमार में नरसंहार रोकने की मांग की और एक बयान पढ़कर रोहंग्याई मुसलमानों के हक़ में अपराधों की निंदा की।
नागरिकता का अभाव, मजबूर मजदूर में मुसलमानों का उपयोग करना, कारावास और विरोध के रूप में यातनाऐं, मकानों के निर्माण पर प्रतिबंध व केवल लकड़ी के मकान रखने का हक़ कि उसकी मालीकीयत भी सरकार की है, बौद्धों की साझेदारी के बिना स्वतंत्र आर्थिक गतिविधि पर प्रतिबंध, प्राथमिक विद्यालय के अंत तक अध्ययन की संभावना, सरकारी काम पर प्रतिबंध, टेलीफोन, कंप्यूटर या पर्यावरण व्यवस्था के स्वामित्व पर रोक, शादी करने के फैसले की स्थिति में सरकार को मुआवजे का भुगतान और शहर छोड़ने के लिऐ अनुमति प्राप्त करने की आवश्यकता सहित, रोहंग्याई मुसलमानों की समस्याओं को बताया गया है।
इस बयान में यह भी जोर देकर कहा गया है कि रोहिंग्याई मुसलमानों के पास केवल कुछ तरीके हैं: या अपने गांव में रहें और अपने भाग्य का इंतजार करें या बांग्लादेश की ओर जाऐं कि इस सूरत में आप्रवासियों की बड़ी मात्रा की वजह से और बांग्लादेश देश द्वारा अस्वीकृति पर या मजबूर हैं कि अपने शहर वापस हों या फांसी लगा लें या बांग्लादेश सीमा पर नाफ़ नदी में डूब जाऐं या जीवित रहने की आशा में बांग्लादेश के जंगलों में चले जाऐं।
इंडोनेशिया में प्रदर्शन
इंडोनेशियाई लोगों ने भी कल म्यांमार में मुसलमानों के नरसंहार और हत्या के विरोध में प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने जकार्ता में म्यांमार दूतावास के सामने एकत्र होकर, रोहिंग्याई मुसलमानों के समर्थन में नारे लगाए।
अन्य देशों में भी, मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ म्यांमार सैन्य बलों द्वारा किए गए अपराधों के खिलाफ विरोध जारी है।