जकार्ता में हजारों इंडोनेशियाई प्रदर्शनियों की म्यांमार के खिलाफ प्रदर्शन में उपस्थित
अंतर्राष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी (IQNA) के लिऐ, रॉयटर्स के हवाले से, यह विरोध प्रदर्शन कि हाल के दिनों में रोइंगी मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ म्यांमार सरकार,उग्रवादियों और अतिवादी बौद्धों द्वारा अमानवीय बर्ताव के ख़िलाफ़ इंडोनेशियाई लोगों के विरोध प्रदर्शनों में से ऐक है जो आयोजित किया गया है।
इंडोनेशिया, दुनिया में सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाले देश के रूप में, 1.1 मिलियन रोहिंग्याई मुसलमानों के बड़े पैमाने दमन के कारण म्यांमार के खिलाफ कई मुस्लिम विरोध प्रदर्शनों का मेज़बान रहा है।
कुछ प्रदर्शनकारियों ने मुसलमानों की हत्या के खिलाफ अल्लाह अकबर या म्यांमार के खिलाफ नारे का लगाते हुए उनके ख़िलाफ़ विरोध किया।
एक प्रवक्ता ने इस रैली में स्पीकर के पीछे जोर से कहा: बौद्धों को म्यांमार के मुसलमानों का सम्मान करना चाहिए, क्योंकि इंडोनेशिया में मुसलमान बौद्धों का सम्मान करते हैं।
स्पीकर के पीछे रैली में एक स्पीकर ने जोर से कहा: बौद्धों को म्यांमार के मुसलमानों का सम्मान करना चाहिए, क्योंकि मुसलमान इंडोनेशिया में बौद्धों का सम्मान करते हैं।
, इस देश में मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ म्यांमार में हिंसा के एक नए दौर के नतीजे में, 400 से अधिक लोग मारे गए है और 125 हजार से अधिक रोहिंग्या मुस्लिम, पलायन करने के लिए मजबूर हुऐ ज्यादातर म्यांमार की सीमा से लगे बांग्लादेश भाग गऐ और अवैध रूप से सीमा पार कर के देश में आरहे हैं।
रिपोर्ट बताती हैं कि म्यांमार सेनाएं मस्तिष्क के अंदर घरों को जलाने और मुसलमानों की हत्या करने के अलावा म्यांमार और बांग्लादेश सीमा पर, ज़मीनी बम लगा रहे हैं ताकि म्यांमारी शरणार्थी जो बांग्लादेश छोड़ने पर मजबूर किया जाऐ, म्यांमार दोबारा न लौट सके।
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जिको विद्दाउद ने म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों की हत्या की निंदा की और विदेश मंत्री इस देश के के लिए रवाना हुऐ ताकि म्यांमार के नेताओं से खूनी हत्या को रोकने की जरूरत पर बात करें।