IQNA की रिपोर्ट; मौलाना वली रहमानी ने इस बात की -नई दिल्ली के भारतीय इस्लामी सांस्कृतिक केंद्र में घोषणा की, और मीडिया के जवाब में उन्होंने कहा: "इस इजरायली कंपनी का नाम लेने और इस प्रक्रिया के विवरण को व्यक्त करने के लिए वर्तमान में मजबूर हूं, लेकिन मुझे यकीन है कि समाचार विश्वसनीय है।
भारत (नई दिल्ली)में ईरानी सांस्कृतिक सलाह के अनुसार इस भारतीय अधिकारी ने कहा कि ज़ीयोनिस्ट शासन के साथ सहयोग कुल्ली तौर पर एक बड़ी गलती है क्योंकि यह शासन सैकड़ों निर्दोष फिलीस्तीनी महिलाओं और बच्चों का हत्यारा और उनकी सरकार भी अवैध है।
उन्होंने भारत से सऊदी और इसके विपरीत हज उड़ानों की लागत में वृद्धि करने पर भी चर्चा की, और कहा कि इस बारे में भारत सरकार के अलावा, सऊदी अरब भी जिम्मेदार है और इस संबंध में मेजबान देश की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
मौलाना वली रहमानी ने कहा, "सऊदी Ayrlayns" हो या "एयर इंडिया" दोनों भागीदार हैं, दोनों देशों से संबंधित संस्थानें तीर्थयात्रियों के लिऐ आवश्यक और पर्याप्त सहूलतों को प्रदान नहीं करती और अभी भी एक भारतीय मुस्लिम हज के फ़रीज़े को अदा करने के लिऐ अनुमानित 30 से 40 हजार रुपये अतिरिक्त देता है।
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