इकना ने आनातुली न्यूज़ के अनुसार बताया कि "लैलत अल-रग़ाएब" समारोह का आयोजन तुर्की धार्मिक मामलों के संगठन के प्रमुख अली अरबाश और नागरिकों की उपस्थिति में इस्तांबुल की ऐतिहासिक मस्जिद अया सोफिया में आयोजित किया गया।
इस्तांबुल के लोगों ने स्वच्छता संबंधी निर्देशों और सामाजिक दूरी को देखते हुए इस ऐतिहासिक मस्जिद में भाग लिया और प्रार्थना किया।
मस्जिद अया सोफिया मस्जिद ,एक रूढ़िवादी ईसाई कैथेड्रल के ज़रीयह 1,500 साल पहले बनाई गई थी, 1453 में इस्तांबुल के उस्मानिया विजय के बाद एक मस्जिद में बदल दिया गया था।
तुर्की गणराज्य के संस्थापक मुस्तफा कमाल अतातुर्क के आदेश से 1934 में मस्जिद को एक संग्रहालय में बदल दिया गया था, जब तक कि 10 जुलाई को तुर्की की एक अदालत ने राष्ट्रपति रजब तैय्यब एर्दोग़ान के अनुरोध पर संग्रहालय को मस्जिद में बदलने की आधिकारिक घोषणा कर दी ग़ई।
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