इराक समाचार के हवाले से इकना के अनुसार, इराक में एक हजार से अधिक मस्जिदों में असर की नमाज के बाद हर हफ्ते गुरुवार को रमजान के पवित्र महीने की शुरुआत के साथ-साथ ज़िक्र और पैगंबर की हदीस की साप्ताहिक सभाएं आयोजित की जाएंगी।
इस समाचार की घोषणा के साथ, इराकी अवकाफ़ मंत्रालय ने कहा कि उस ने अपने ज़ाती फ़र्ज़ के तईं यह कार्रवाई की, जो ईमान को मजबूत करना और रमजान के पवित्र महीने में मुनासिब रूहानी माहौल बनाना है। इस मंत्रालय के अनुसार, विभिन्न अवसरों पर प्रसिद्ध दुआओं और ज़िक्र को पेश किया जाएगा और इसके विभिन्न पहलुओं के बारे में बताया जाएगा।
दूसरी ओर, इराक के राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी बोर्ड ने भी ईद मब्अस के दिन इस देश में "राष्ट्रीय कुरान दिवस" के अवसर पर एक समारोह आयोजित किया।
इस समारोह की शुरुआत में, इस प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख हैदर हानून ने पवित्र कुरान और उससे प्राप्त इस्लामी शरिया का पालन करने का आह्वान किया, जिसमें मूल्य, अच्छे नैतिकता और ऊंचे आदर्श शामिल हैं, और कहा कि कुरान का पालन करने से भ्रष्ट और क्रूर लोगों की जड़ें के जाएंगी।
अपने भाषण को जारी रखते हुए, उन्होंने पवित्र कुरान को जीवन का एक तरीक़ा बताया और कहा: कुरान ईश्वर की हमेशा रहने लगती पुस्तक और ईश्वर के दूत (सल्लल्लाहु अलैहि वआलेही वसल्लम) का सबसे बड़ा चमत्कार है, जिस पर इस्लाम और इस्लामी शरिया आधारित हैं। शरीयत जो मानव जीवन के प्रति मुकम्मल एवं व्यापक दृष्टिकोण रखती है और उसे कामयाबी की ओर ले जाती है।
इस समारोह में, काज़ेमी रोज़े के क़ारियों और मदह करने वालों के एक समूह ने कुरान पढ़ा और इस्लाम के पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैहि वआलेही वसल्लम) की मदह की।
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