जीवन के लिए आयतें: पूर्ण विश्वास
إِنَّ الَّذِينَ يَكْفُرُونَ بِاللَّهِ وَرُسُلِهِ وَيُرِيدُونَ أَنْ يُفَرِّقُوا بَيْنَ اللَّهِ وَرُسُلِهِ وَيَقُولُونَ نُؤْمِنُ بِبَعْضٍ وَنَكْفُرُ بِبَعْضٍ وَيُرِيدُونَ أَنْ يَتَّخِذُوا بَيْنَ ذَلِكَ سَبِيلًا
जो लोग ईश्वर और उसके पैगम्बरों को नकारते हैं और उनके बीच भेदभाव करना चाहते हैं, और कहते हैं कि हम कुछ पर विश्वास करते हैं और दूसरों को नकारते हैं, और इन दोनों के बीच एक रास्ता चुनना चाहते हैं
आयत 150, सूरह निसा