مَنْ عَمِلَ صَالِحًا فَلِنَفْسِهِ وَمَنْ أَسَاءَ فَعَلَیْهَا ثُمَّ إِلَى رَبِّکُمْ تُرْجَعُونَ)15(
जो कोई अच्छे और लाभकारी कर्म करता है, वह उसके अपने लाभ के लिए होता है, और जो कोई बुरे कर्म करता है, वह उसके अपने ही नुकसान के लिए होता है। अन्त में तुम सब अपने प्रभु की ओर लौट जाओगे।
सूरा अल-जाषियह
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