﴾...أَفَغَيْرَ اللَّهِ تَتَّقُونَ ﴿52
तुम भगवान के अलावा किसी और से क्यों डरते हो?
وَمَا بِكُمْ مِنْ نِعْمَةٍ فَمِنَ اللَّهِ ثُمَّ إِذَا مَسَّكُمُ الضُّرُّ فَإِلَيْهِ تَجْأَرُونَ 53
आपके ऊपर आने वाला हर आशीर्वाद ईश्वर की ओर से है और जब भी कोई विपत्ति आपके ऊपर आती है तो आप ईश्वर को पुकारते हैं।
ثُمَّ إِذَا كَشَفَ الضُّرَّ عَنْكُمْ إِذَا فَرِيقٌ مِنْكُمْ بِرَبِّهِمْ يُشْرِكُونَ 54
और जब वह तुमसे मुसीबत दूर कर देगा तो तुममें से एक गिरोह फिर दूसरों को अपने रब का साझी ठहराएगा!
لِيَكْفُرُوا بِمَا آتَيْنَاهُمْ فَتَمَتَّعُوا فَسَوْفَ تَعْلَمُونَ 55
कहीं ऐसा न हो कि जो कुछ हमने उन्हें दिया है, उसके प्रति वे कृतघ्न हो जाएं, अतः अब आनन्द मनाओ! तुम्हें जल्द ही सच्चाई पता चल जाएगी.
सूरह अन-नहल की आयत 52 से 55
4277336