इकना समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, 39वें अंतर्राष्ट्रीय इस्लामिक एकता सम्मेलन का शुभारंभ आज सोमवार, 17 सितंबर की सुबह तेहरान के सदनात कॉन्फ्रेंस हॉल में राष्ट्रपति मसूद पेज़ेशकियान और हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन हमीद शहरियारी, महासचिव, विश्व इस्लामिक मज़हबों के समीपता संघ के भाषण के साथ हुआ।
इस सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में अज़ीज़ हसनोविक ने अपने भाषण में जोर देकर कहा: पैगंबर (स.अ.व.) दया का एक नमूना और मॉडल थे जिससे सभी मनुष्य और जीवित प्राणी लाभान्वित होते थे। उम्मत को हर पहलू में दया का दर्पण होना चाहिए, इसलिए हमें दया का विस्तार करना चाहिए ताकि हम इसे अपने सारे जीवन में देख सकें।
क्रोएशिया के ग्रैंड मुफ्ती ने स्पष्ट किया: आज हम दया की बात नहीं कर सकते जबकि गाजा में सियोनिस्ट शासन के अत्याचार हो रहे हैं। गाजा का दृश्य आज एक बहुत बड़ी ईश्वरीय परीक्षा है। गाजा के हर कोने में हम बच्चों और महिलाओं की कराहट सुन रहे हैं।
मुफ्ती अज़ीज़ हसनोविक ने याद दिलाया: सवाल यह उठता है कि क्या हम वास्तव में आज इस्लाम में दया का प्रतिबिंब हैं? हमें पैगंबर (स.अ.व.) के समय की दया को अपने व्यवहार में लाना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा: आज इस्लामी उम्मत का कर्तव्य है कि वह पैगंबर (स.अ.व.) के रास्ते और तरीके को अपनाए और ऐसा माहौल बनाए कि सभी मुसलमान इस रास्ते के अनुयायी बनें।
क्रोएशिया के ग्रैंड मुफ्ती ने अंत में कहा: सभी इस्लामी विद्वानों को अपनी जिम्मेदारियों को निभाना चाहिए और फिलिस्तीनियों का समर्थन करना चाहिए, न कि केवल शब्दों में बल्कि व्यवहार में भी उनके समर्थक और ध्वजवाहक बनना चाहिए।
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