IQNA

वहि की आवाज़

एक-दूसरे का धन छल से न खाओ।

IQNA-وَلَا تَأْكُلُوا أَمْوَالَكُمْ بَيْنَكُمْ بِالْبَاطِلِ وَتُدْلُوا بِهَا إِلَى الْحُكَّامِ لِتَأْكُلُوا فَرِيقًا مِنْ أَمْوَالِ النَّاسِ بِالْإِثْمِ وَأَنْتُمْ تَعْلَمُونَ और एक-दूसरे का धन झूठ, छल और कपट से न खाओ, और न ही हाकिमों को घूस दो ताकि वे तुम्हें दूसरों का धन अन्याय से हड़पने में मदद करें, और तुम अच्छी तरह जानते हो कि मैं क्या कह रहा हूँ। आयत 188 - सूरह अल-बक़रा

 

 

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