لِكَيْلَا تَأْسَوْا عَلَى مَا فَاتَكُمْ وَلَا تَفْرَحُوا بِمَا آتَاكُمْ وَاللَّهُ لَا يُحِبُّ كُلَّ مُخْتَالٍ فَخُورٍ
ताकि तुम जो कुछ तुम पर बीता है उस पर शोक न करो, और न ही जो तुम्हें दिया गया है उस पर प्रसन्न हो। और अल्लाह किसी भी अहंकारी और शेखीबाज़ को पसंद नहीं करता।
आयत 23 - सूरह अल-हदीद
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