अंतरराष्ट्रीय समूह- अरब भाषा के मीडिया ने आज, 8 जनवरी को, क़ुम के लोगों के साथ एक बैठक में सर्वोच्च नेता की टिप्पणी को कवर करते हुए, क्षेत्र से अमेरिकी सैनिकों को वापस भेजने की आवश्यकता पर अपनी स्थिति पर ध्यान केंद्रित किया।
IQNA की रिपोर्ट, इस्लामिक क्रांति के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली ख़ामेनई ने आज क़ुम के लोगों के साथ एक बैठक में क्षेत्र से अमेरिकी सैनिकों की पूर्ण वापसी की आवश्यकता पर जोर दिया।
यह मुद्दा अरब-भाषा मीडिया द्वारा विशेष ध्यान का सबब था, जिनमें से कई एक भाषण के साथ इसको कवर कर रहे थे।
अल-मयादीन समाचार साइट ने तत्काल समाचार विज्ञप्ति में कहा कि यह व्याख्यान रॉकेट के एन अल-असद के बेस पर जमीन पर दर्जनों मिसाइलों के दागे जाने के कुछ घंटे बाद दिया गया था।
अल-मयादीन ने जोर दिया कि यह व्याख्यान महत्वपूर्ण और तारीख ससाज़ शर्तों में दिया गया।
अल-अहद न्यूज़ एजेंसी ने बैठक में सर्वोच्च नेता के हवाले से जोर देकर कहा, "क्षेत्र से अमेरिकी सैनिकों को वापस भेजना आवश्यक है।"
एरम न्यूज़ वेबसाइट ने क्रांति के सर्वोच्च नेता की टिप्पणी पर ध्यान दिया और लिखा: इराक़ में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हमला इस देश के चेहरे पर एक थप्पड़ था और सरदार सुलेमानी की हत्या ने दिखाया कि ईरानी क्रांति जीवित है।
अल-मनार समाचार वेबसाइट ने भी लाइव सर्वोच्च नेता के भाषण को कवर करते हु लिखा कि हम क्षेत्र के देशों को दुश्मन नहीं मानते अगर वे हम पर हमला नहीं करते।
अल-मेनार ने क्रांति के नेता के हवाले से कहा: "अमेरिकियों के इस क्षेत्र में मौजूद होने का समय समाप्त हो गया है, और क्षेत्र की सरकारें और राष्ट्र उनकी उपस्थित को स्वीकार नहीं करेंगे।"
अल-सुमरया न्यूज समाचार ऐजेंसी ने अयातुल्ला अली ख़ामेनई की बातों को नक़ल करते हुऐ कि अमेरिकी ठिकानों पर मिसाइल हमला अमेरिकी अपराधों के जवाब में अपर्याप्त था कहाः शहीद सुलेमानी बहादुर और बातदबीर थे ववह ख़तरों मेंकूद जाते और कोई परवाह नहीं करते थे ।
अनातोली न्यूज़ एजेंसी ने अयातुल्ला अली ख़ामेनई के हवाले से लिखा: ईरानी नेता ने अपने देश के मिसाइल हमले को अमेरिका के मुंह पर एक थप्पड़ के रूप में वर्णित किया है और बल दिया: वाशिंगटन के खिलाफ सैन्य अभियान पर्याप्त नहीं हैं।
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